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________________ ( ३७ ) बोर्डींगनी सगवड थाय ताज विद्यार्थीओ निश्चित अने निर्भय रीते रही शके कारणके हालनो तो बहुज खराब छे. बळी बीजा पण केटलाएक विद्यार्थीओने स्कॉलरशीपो अपाय छे, आ प्रमाणे कॉन्फरन्स तरफथी गरीब तेमज हुशआर विद्यार्थीओने मदद मळे छे. अने मासिक खर्च रु. १३५) एकसो पांगसिने आशरे कॉन्फरन्स तरफथी अपाय छे ते घणुं प्रशंसापात्र छे. विद्यार्थीओने मुंबईमां रहेवा संबंधे केटलीक अगवड पडे छे ते बाबतनो ख्याल जैन सखी गृहस्थोंने आववो जोईए अने ते प्रमाणे उपर जणावेला गृहस्थाए विद्यार्थीओना दुःखनं निवारण करवा जे जे पगलां भर्या छे अने भरशे तेओनो आभार मानीए छीए. प्रसंगोपात जणाववुं जोईए के स्वर्गस्थ शेठ साहेब झवेरी देवचंद लालभाई पण मोटी रकम धर्मादामां वापरवा मुकी गया छे ते। तेमना ट्रस्टीओने विनंती करीए छीए के बोर्डींग बाबत विचार करे अने तेमां पोतानो उदार हाथ लंबावीने बहारगामना जैन विद्यार्थीओनी रहेवानी अगवड दूर करीने पोतानुं नाम अमर राखे अने विद्यार्थीओनी आशिष मेळवे. हाउनी बोर्डींगनुं मकान घणी गीच वस्तीवाळा लतामां आवे छे तेमज मरकीना वखतमां आ मकानमां रहेवुं घणुं भय भरेलुं छे तो त्वराथी नवी वोर्डींगनी सगवड थशे एवी आशा छे. हमेशा न्युस जाणवा माटे शेठ वीरचंद करमचंदनी जैन फ्री रीडींग रुमनां छापांओ तथा वर्तमान पत्रो दररोज बोर्डींगमां मोकलाय छे अने ते पण वणीज प्रशंसनीय गोठवण छे. परीक्षा देवा आवता जैन विद्यार्थीओने पण खावा पीवानी तथा रहेवानी दरेक जातनी सगवड करी आपल छे अने तेओनी पासेवी खर्च संबंधी कांई पण लेवामां आवतुं नथी ते पण घणुं स्कूल काम छे, कारण के मुंबईमां उतारा तथा खावा संबंधनी सगवड मुश्केलीथी थई शके छे. हालमां अभ्यास करता विद्यार्थीओमांथी वे विद्यार्थीओ एल. एल. बीनी परीक्षानो अभ्यास करे छे. १ एक विद्यार्थी बी. ए. मां छे. २ बे विद्यार्थी प्रीवीअसनो अभ्यास करे छे. ४ चार विद्यार्थीओ, एल. एम. एन्ड एसना बीजा वरसमां छे. २ बे डीस्ट्रीकट प्लीडर लाईनमां छे. २ वे थर्ड ग्रेड ड्रोईंगनो अभ्यास तथा १ एक फर्स्ट ग्रेईड ड्रॉईंगनो अभ्यास करे छे. एक मीकेनीकल ईनजांनीअरींग लाईनमां छे. ९ नव मेट्रीक्युलेशनमां छे अने बाकीना ७ सात बुक कीपींग, शोर्ट हेन्ड, टाईप राईटींग तेमज अंग्रेजी पांचमां तथा जीजा धोरणाने अभ्यास करे छे.
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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