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________________ (११) श्री लालबाग जैन बोडींग. __आ उपरात अत्रे विद्यार्थीओनी सवड खातर उघाडवामां आवेल श्री लालबाग जैन बोर्डीगने श्री जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्स .ओफीसना खर्च चलाववामां आवे छे, जेमां सर्वे विद्यार्थीओने रहेवा वीरेनी सवड आपवा उपरांत साधारण स्थितिना ९-१० विद्यार्थीओने भोजननी सवड करी आपवामां आवी छ, जे आ वर्ष दरमीयान पण चालुछे.आ विपेनो सवस्तिर रपोर्ट आ साथे जोडवामां आव्यो छे, जे उपरथी विशेष हकीकत मालम पडी आवशे. आ संबंधमां तेनी व्यवस्था सारु तनतोड महेनत करनारा तेना ओनररी सेक्रेटरी मी० मोहनलाल हेमचंदनो उपकार मानीए छीए. श्री श्रावीकाशाळा, मुंबई. मुंबई शहरमां स्त्रीओने धार्मीक अने व्यवहारीक ज्ञान तथा भरवा गुंथवार्नु ज्ञान आपवा सारु अक शाळानी जरुरीयत लागवाथी कोन्फरन्सने खर्च अत्रे श्री गोडीजी पार्श्वनाथजीना देरासरना उपाश्रयमां पंडीत लालननी देखरेख हेठल अक श्रावीकाशाळा उघाडवामां आवीछे जमां धामीक तथा व्यवहारीक ज्ञान आपवानी तथा भरवा गुंथवाचें काम शीखववानी गोठवण करवामां आवी छ अने जेनो टुक रीपोर्ट आ साथे जोडवामां आव्यो छे. __. आ शाळानी देखरेख राखवा सारु मी० लालननो अत्रे उपकार मानीए छीए. श्री जैन कोन्फरन्स हरेल्ड. वडोदरा खाते भरायेली कोन्फरन्स वखते थयेला ठराव अनुसार रीपोर्टवाळा वर्ष दरमीयान मी. गुलाबचंदजी ढहाना अविपतिपणा हेठळ उपलुं मासिक प्रगट करवामां आव्यु हतु, अने जेनी छपाववानी तथा प्रगट करवा विगैरेनी सवळी व्यवस्था आ ओफीस तरफथी करवामां आवी हती, तेमज अत्यारे पण करवामां आवे छे. आ वर्ष आखर सुधीनु ते खातानु सरवैयुं नीचे मुजब छे, अने ते उपरथी जोवामां आवशे, के जे जे गृहस्थो तरफ आ मासीक मोकलवामां आवे छे, तेमांना घणाखराओ तरफी लवाजम मोकली आपवामां आव्युं नथी. मासीकनो मुळ आधार लवाजम उपर छे, अने तेथी करीने जे जे गृहस्थो तरफ आ मासीक मोकलवामां आवj होय तेमो घोतानु लवाजा मोठी अपवनी मेरवानी करवी. - आ मातीकमां बखत बखत उपयोगो लेखो लखो आ मासीकने बधु रसदार अने उपयोगी बनावबानी खास फरज आपणा विद्वान अने केळवायला वर्गनी छे, अने तेमने पोताना लखाणोथी आ मासीकने मदद करवा वीनंती करीए छीए. रीपोर्टवाळा वर्ष दरमीयान जे जे ग्रहस्थोए पोताना वखतना भोगे आ मासीकने पोताना लेखो वीगेरेथी मदद करीछे तेमनो आ स्थळे उपकार मानीए छीर, अने हवे पछी पण तेम करवा विनंती छे.
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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