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________________ कोन्फरन्स स्थापन थया पछी आपणामां धामक प्रवृत्ती वर्ष दूरमीयान कॉन्फ ret अंगे करवामां विशेष अनुभववामां आवीछे ए निःसंदेह छे अने तेना प्रतापे वर्तमानआवेलां कार्यो. पत्र आदिमां वांचवामां आव्या मुजब कोन्फरन्से पोते पोताना फंडनी साह्यताथी जे कांई कर्तुं छे तेथी पण अमारा समजवा प्रमाणे कड़क विशेष प्रजा वर्गमां उत्पन्न थभेली जागृतिश्री थयुं लागे हे अने ते माटे प्रजा वर्गने अमे धन्यवाद आपीओ छीओ. ठेर ठेर पाठशाळाओ. कन्याशाळाओ स्थापन थओली आपणे जाणी है, गांमेगाम कोन्फरन्सथी थता फायदाओ अने तेना हेतुओ विषे भाषणो अपाओलां आपणे सांभळ्या छे अने स्थळे स्थळे कोन्फरन्सना ठरावो अनुसार हानीकारक रीत रीवाजो अने जीवदयाना संमां जुदा जुदा श्री संघोओ ट्रावो करेला आपणा जाणवामां आव्या छे. आ सघळु कोन्फरन्सथी थअली जागृतीनेज आभारी छे, अने प्रति वर्षे महान सभाना रुपमां अकत्र थईने जे नाणां अने शक्तिनो आपणे व्यय करीओ छीओ तेनो पुरतो बदलो आपणने मळे हे ओम अमे समजीओ छीओ. आ दीशामां प्रयत्न करनारा सर्वे श्री संघो तथा गृहस्थोनो अमे लंबाग थइ जवाना भयथी समुच्चयमां आ तके उपकार मानवानी तक इसे छीओ कोन्फरन्सना स्थापन थापी समस्त प्रजा वर्गने पोताना कर्तव्यनुं जे भान थयुं छे, तेज तेन मोहोदामा मोटो फायदोछे अने अमारा धारवा प्रमाणे प्रजा वर्ग पोतानी फरज समजीने जुदी जुदी दीशाओमी पोतानुं कर्तव्य कर्यो करशे, तो अमने खात्री छे के थोडाअंक वखतमां आपणे आपणो अभ्युदय थलो जोई शकीशु. श्री बनारस पाठशाळा, श्री रत्न सागरजी जैन पाठशाळा, सुरत, श्री धर्म प्रसारक वर्ग, पालीताणा, श्री कच्छी दशा ओसवाल पाठशाळा, मुंबई, श्री कच्छी वीसा ओसवाळ पाठशाळा, श्री कच्छी दसा ओसवाल बोर्डींग, श्री मांगरोल जैन सभा, मुंबई, श्री लालबाग जैन बोर्डींग, श्री पनालालजी जैन हाइस्कुल, वीगेरे केळवणीना प्रसारार्थ मोहोटां खातांओ आपगामां हाल हस्ती धरावे छे, अने भवियां तेज मुज बधारेने ववारे संस्थाओं स्थपाती जशे अने ए सबळु आपणी स्थिति केम सुबरे ते ख्यालतुंज परीणाम छे. अने जो ते ख्याल प्रजा वर्गना मा उपर हाल जे मजबुत वास करो रह्यो छे, तेज मुजब कायम रहेशे तो, अमने खात्री हे के, आपणी प्रथमती चहड़ती स्थिति कांइक अंशे आप पहोंचवा समर्थ थइशुं.
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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