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________________ .. जैन सीरीज्ञ तैयार करवा माटे रु. १००० नुं इनाम ! पाटण खाते मळेली चौथी जैन श्वेतांबर कोन्फरन्स वखते थयेला ठराव अनुसार जैन धर्म अने फील सुर्मानुं पुर्ण राते क्रमवार ज्ञान थाय तेवी उत्तरोत्तर भाषा तथा विषयोनी कठीणता वाळी १ थी ७ पुस्तकोनी सीरीश गुजराती अथवा हींदी भाषामां तैयार करवामाटे रु. १०००, अंके एक हजार रुपयानु, इनाम नीचेनी शरतोए आपवानुं छेः १ जे सीरीझने इनाम आपवामां आवशे तेनी प्रसिद्धी विगेरेनो हक इनाम मेळवनारनो रहेशे परंतु ते प्रसिद्ध करवानी तेणे कबुलात आपवी पडशे. जो ते हक कोन्फरन्सने आफ्श तो रु. .१०००, बीजा आपवामां आवशे. २ सीरीशनी पसंदगी एक खास कमीटी नीमीने कराववामां आवशे. ३ आजनी तारीखथी एक वर्ष सुधीमां पसंदगो माटे आवेली सीरीझोनी कमीटी पासे तपास कराववामां आवशे. ४ तपास माटे आवली सीरीशोमांथी एकने इनाम आपq एम कमीठी बंधाती नथी परंतु तेमाथी __ योग्य हशे तोज इनाम आपवामां आवशे. ५ पसंद करवामां आवती सीरीश शीवायना बीजी सीरीसमांथी अमुक चोपडीओ अगर तेमाना __ पाठो कमीटी पसंद करशे तो तेना प्रमाणमा तेना योजकने इनाम आपवामां आवशे. बधु खुलासा माटे नीचेना सरनामे पत्रव्यवहार करवो, चपा गली मुम्बई. __आसीस्टेट सेक्रटरी. ता. २५-५-१९.०६. __ श्री जैन श्वेतांबर कोन्फरन्स: . श्री जैन श्वेताबर डीरेकटरी. मालवा और मेवाडके श्रावक समुदायको विज्ञप्ती. मालवा मेवाडके जैन समुदायकी डीरेकटरी तैयार करनेका कार्य प्रतापगढ़ निवासी शेठ लक्ष्मी चंदजी घीया, मालवा और मेवाड जैन डोरेकटरीके ओनररी सुपरवाईशर ईनको सुपर्द कीया गया है सो हारेकटरी के वास्ते ईन महाशय मालवा और मेवाडमें जहां जहां अपने कलार्क भेजे वहांके श्रावक समुदायको अर्ज की जाती है के ऊन कलार्क को खोटी न करके शिघ्र मदद देकर डीरेकटरीके फोर्म भरवा देनेकी मेहेरबानी फरमावे. __ श्री जैन श्वेतांबर कोन्फरन्स, चंपा गली. मुंबई. श्री जैन श्वेतांबर डीरेकटरी. मध्यप्रात (सी. पी. ) के श्रावक समुदायको विज्ञप्ति. मध्यप्रांतके जैनसमुदायकी डीरेकटरी तैयार करनेका कार्य जबलपुर निवासी मि. चंदजी कोचर बी. ए. मध्यप्रांत जैन डीरेकटरीके आनररी सुपरवाईझर इनको सपर्द गा है, और इस वास्ते सब मध्यप्रांतमें प्रवास करेंगे. जीसके लिये मध्यप्रांतके श्रावक अर्ज की जातीहै के डीरेकटरीसंबंधमें सब हकीकत इकठी करनेमें उन महाशकी महरबानी फरमावे. श्री जैन श्वेतांबर केन्फरन्स. चंपागल्ली-मुंबई.
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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