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________________ १९०६ जैन सिद्धांतोना लिस्टटुं वर्णन . परिशिष्ट... अवशिष्ट.सूत्रो तथा सूत्रतुल्यग्रंथो. नाम.. .श्लोक. नंबर. .. । कर्ता. संवत. | १२१६ गा । पर्युषणाकल्प नियुक्ति निरुक्त टिप्पनक टिप्पन संदेह विषोषधी वृत्ति जितकल्प चूर्णि १५८ विनयचंद्र ६४० पृथ्वीचंद्र | जिनप्रभ १०५] जिनभद्रगणि १०१० सिद्धसेन , टिप्पनक १८०० तिळकाचार्य १२२४ वृत्ति . विवरण (संक्षिप्त गमनिकारुप) १ यति जितकल्प वृत्ति २ श्राद्धजितकल्प सोमप्रभ ५७०० " वृत्ति " . - माधुरत्नसरि तपाधर्मधे तिळकाचाय __ ११५ सोमतिळक ३०० तिळकाचार्य २७०० यशोदेव ११००० . . ६६०० संघदास . S ३ | पाकसूत्र वृत्ति | वसुदेव हिंडि श्लोक २६६०० प्रथमखंड द्वितीयखंड मध्यमखंड ऋषिभाषित तत्वार्थसूत्र " भाष्य . टीकाभाग्य व्याख्यारुप लघु वृत्ति ७ | श्रावक प्रज्ञप्ति वृत्ति विशेषणवती वृत्ति : ९००० (अपर आचार्य) ४५८५० ૨૨) उमास्वाति १८२८२ दिगंबरी). ४०० उमास्वाति २३३०| हरिभद्रसार ४३८ जिनभद्रगणि १०८५.०
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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