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________________ - १९०५ ] पेथापुर कोन्फरन्स. १९५ आपणी उपर शीकार करवा तैयार थयां छे, ने मी० वीरचंद राघवजीए जे हीमत करी अमेरीकामां जइने जाहेर भाषण करी घणा लोकोने आपणां तत्त्वो समजावी उपदेश कयों छे तेने माटे आ स्थले तेओ साहेबनो हुं उपकार मानुं छं. चळी युरोपीअनो पोते मांसाहार छोडी बेसी रह्या नथी पण रणसंग्राम करी पोतानी कोममां धारो करता जाय छे तेम आपणे पण उपदेशको मोकली मांसाहार थतो अटकावानी खास जरूर छे. वबारे क्रूर बना ए छे के वीना कारणे वीना फायदे बीचारा हजारो बलके लाखो प्राणीओने मारी नाखवामां आवे छे ऐनुं कारण शुं छे ? ते आपणी फेशन छे. जे मडमो पीछानी टोपीओ पहेरी पोताना शरीरने शणगारे छे, अने तेनो चेप आपणा लोकोमा लाग्यो छे ए पीछांने माटे बीचारा गरीब अने कुमळां पक्षीने मारी नाखवामां आवे छे ! तेवीज हकीकत कचकडानी छे. जेनो आपणामां बोहोळो वपरास थयो छे, ते काचबान अंगोपांगमांथी केळवी बनाववामां आवे छे. अने ते कचकडानी खातर तेवां गरीब प्राणीओने मारी नाखवामां आवे छे ज्यारे आपणे दया मय धर्म धारण कराए छीए अने मन वचन कायाए ते धर्मनुं पालन करीए छीए त्यारे ते चीजो वापरवी ते शुं शरम भरेलुं नथी ? जुओ, बीजाओ पण हींसा नहीं करवा उपर केटली पसंदगी बतावे छे ? पालणपुर नवाब साहेबे पोताना राज्यनी अंदर एक जाहेर हुकम फरमान कर्यो छे के कोइ पण पशु कींवा पंखीने कोइ पण माणसे इजा करवी नहीं, अने तेवी इजा करनारने पकडी गुनेहगार ठराव्यो छे, अने तेवा गुनेहगारो जे माणस पकडी आपे तेने रू. २ इनाम आपवामां आवे छे. . आ धारो स्तुती पात्र छे अने बीजा देशी राज्यकर्ताओ, पण आवा धारा पसार करे तेवी हुं उमेद राखुं छं. आपणे आटलं कही बेसी रहेवानुं नथी पण हींसा थती केम अटके तेना उपायो लेवानी खास जरूर छे, भाइओ 'टींपे टीपे सरोवर भराय, ने कांकरे कांकरे पाळ बंधाय १; एक माणस कचकडो तथा पींछां वापरवां बंध करे ने तेना जोड़े बीजो बंध करे ने त्रीजो माणस पण तेनुं अनुकरण करे, आम करतां करतां नहीं वापरनारी संख्या वधती जाय तो छेवटे एवो पण दीवस आवे के कोइ पण माणसने वापरतां आपणे नजरे जोइ शकीए नहीं. जैन बंधुओ, उपर कहेला तमाम वायो उपर योग्य मनन करी तन मन अने धनथी कोइ पण प्रकारे कोइ पण प्राणीनी रक्षा करवा • तत्पर रही जेमां हींसा थती होय तेवी चीजो जेम बने तेम नहीं वापरवा तत्पर रहेशो. आ ठराव उपर मत लेतां प्रमुख साहेबे जणाव्युं के साचां मोती वापरवा बाबत एक गृहस्थ मने लखीने पोतानो मत जणावे छे के साचां मोती वापरवां ए पण गैरव्याजन्री छे. तां आ ठराव सर्वानुमते पसार थयेलो जाहेर करवामां आव्यो हतो. बाद मत ठराव समो. - धर्मादा खातांओना हिसाब बाबत. पांजरापोळो, देरासरो आदि धर्म खातांओना हिसाब बराबर रात्री तेने वरसो वरस जाहेर जाण - स्वातर बाहेर पाडवानी आ कोनफरन्स अगत्यता जुवे छे अने ते माटे धर्मादा खातांओना व्यवस्थापको एम करवा आ कोनफरन्स भलामण करे छे. दरखास्त करनार - मि. केशवलाल जमनादास. टेको आपनार - मि. मगनलाल भाईचंद.
SR No.536501
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1905 Book 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1905
Total Pages452
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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