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________________ જૈન યુગ માર્ચ-એપ્રિલ ૧૯૬૦ श्री जिनसमुद्रसूरि प्रवरास्ते तदनु जज्ञिरे गुरवः तत्पट्टोदय भूधर सहस्रकिरणाः स भाग्यभगः १० संप्रति ते विजयन्ते श्रीमजिनहंससूरि सूरीशाः तद् वाचनाय वसु मुनि शर शशिमित वत्सरे इर्षात् ११ एकादशांग्याः सूत्राणि, पवित्राण्याईते मते इन्द्राणि श्राविका सत्या सा लेखितवतीतराम् १२ नंदतु शासनमेतत्प्रभाविकाः शासनस्य नन्दन्तु पुस्तक लेखक वाचक रक्षयितारोपि नन्दन्तु १३ ॥शुभं भवतु ॥ इस प्रशस्ति से विदित होता है कि श्री श्रीमाल वंश के आचवाडिया गोत्रीय मंत्री मुंजाल सैतानीय धर्मपुत्र मंत्री शिवराज हुए जिनकी स्त्री वरणूकी कुक्षी से धणपति और हर्षा नामक पुत्र द्वय हुए। मंत्रीहर्षा की पत्नी कीकी पुत्र के महीपाल जैन संघ व ज्ञातिमें प्रधान व सात क्षेत्रों में द्रव्य व्यय करने वाले हुए उनकी पत्नी देवगुरुभक्त, इन्द्राणी श्राविका थी जिसके पुत्र चापसिंह थे जिनके धन्नाकर और ठाकुर पुत्र तथा धर्माइ नामक पुत्री थी। इस प्रकार पुत्रपौत्र परिवार परिवृत्त इंद्राणी श्राविका ने खरतर गच्छनायव श्रीजिनदत्तसूरी संतानीयश्रीजिनभद्रसूरि के प्रशिष्य और श्रीजिन चन्द्रसूरि के पट्टप्रभाकर श्रीजिनसमुद्रसूरि शिष्य श्री जिन हंससूरि के वाचनार्थ से १५७८ में ग्यारह अंग सूत्रो की प्रतियों लिखवाई। इन में से ज्ञातासूत्रकी प्रति जो कि अभी जैन भवन ग्रन्थालय कलकत्ता में सुरक्षित है, उसी की प्रशस्ति की नकल ऊपर दी गई है। इस प्रशस्ति में उल्लिखित मंत्री मुंजाल कहां के व किस शासक के मंत्री थे, यह प्रति कहां लिखाई गई इसका उल्लेख नहीं किया है। पाटण के मंत्रीश्वर मुंजाल से ये भिन्न हैं या अभिन्न अन्वेषणीय हैं। 'जैनयुग 'नी मालिकी अने तेने अंगेनी अन्य माहिती रजीस्ट्रेशन ऑफ न्युझपेपर (सेन्ट्रल) रुल्स १९५६ अन्वये १ प्रकाशन स्थळ : श्री जैन श्वताम्बर कॉन्फरन्स, गोडीजी बील्डिंग, २०, पायधुनी, कालबादेवी रोड, मुंबई २. २ प्रकाशन समय : मासिक ३ मुद्रकनुं नाम : श्री माणेकलाल डी. मोदी राष्ट्रियता : भारतीय सरनामु : श्री जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्स, २०, पायधुनी, मुंबई २ ४ प्रकाशकनुं नाम : श्री माणेकलाल डी. मोदी राष्ट्रियता : भारतीय सरनामु : श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स, २०, पायधुनी, मुंबई २. ५ तंत्री- नाम : (१) श्री सोहनलाल मदनसिंह कोठारी, बी.ए., बी.कोम. सी.ए. (इंग्लंड) (२) श्री जयंतिलाल रतनचंद शाह, बी. ए., बी. कॉम. (लंडन) राष्ट्रीयता : भारतीय सरनामुं : श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स, २०, पायधुनी, मुंबई २ ६ मालिकनुं नाम : श्री जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्स सरनामुं : गोडीजी बिल्डिग; २०, पायधुनी, कालबादेवी रोड, मुंबई २. हुं माणेकलाल डी. मोदी आथी जाहेर करूं छु के उपर आपेली विगतो मारी जाण अने मान्यता मुजब तद्दन साची छे. ता. २९-२-१९६० माणेकलाल डी. मोदी प्रकाशक
SR No.536284
Book TitleJain Yug 1960
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSohanlal M Kothari, Jayantilal R Shah
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1960
Total Pages154
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size11 MB
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