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________________ श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स का मुखपत्र जैन युग व्यवस्थापक मंडल श्री चंदुलाल वर्द्धमान शाह, जे. पी. श्री सौभाग्यचंद्र सिंगी, एम. ए. श्री कांतिलाल डी. कोरा, एम. ए. श्री सोहनलाल म. कोठारी-तंत्री बी.ए., बी. कॉम. (लंडन), ए. सी. ए. (इंग्लंड) श्री जयंतिलाल रतनचंद शाह-तंत्री बी. ए., बी. कॉम. (लंडन) . प्रकाशन प्रतिमासनी ली तारीखे थशे छूटक नकल २५ नया पैसा वार्षिक लवाजम देश : रूपै २) बे विदेश : रूपै ३) त्रण जैनयुग + जैनधर्म, तत्त्वज्ञान, साहित्य, कळा, स्थापत्य, इतिहास, जीवनचरित्र ने समाजप्रगतिने लतग विषयोर्नु उत्तम जैन मासिक. म अभ्यासपूर्ण गद्यपद्य लेखो तेमां आवशे. 5 श्री जैन श्वे. कॉन्फरन्स (परिषद् ) संबंधी वर्तमानकार्यवाहीनो अहेवाल साथेसाथे अपाशे. दरेक सुज्ञ आ पत्रना ग्राहक बनी पोताना मित्रोने पण ग्राहक बनावशे अने संघसेवाना कार्यमां पुष्टि आपशे. आ मासिक बहोळा प्रमाणमां फेलावो पामवानी खात्री राखे छे तो जाहेरखबर आपनाराओने माटे ते उपयोगी पत्र छे; तो तेओने नीचेना सरनामे लखवा के मळवा भलामण छे. लेखको वगेरेने सूचनाओ १. अभ्यास, मनन अने संशोधनना परिणाम लखायेला लेखो, वार्ताओ ने निबंधोने प्रथम स्थान मळशे. २. आ पत्रमा प्रकट थता लेखो माटे ते लेखना लेखको ज सर्व रीते जोखमदार रहेशे. ३. कोई पण लेख पूर्वे जाते के बीजाए अन्य स्थळे प्रसिद्ध कर्यो होय तो ते कृपा करी न मोकलवो. ४. दरेक लेख तेमज मोकलेल ग्रंथनी समालोचना के समाचार समय स्थळ विचारीने जेम बने तेम त्वगए प्रकट करवानी काळजी लेवाशे. वांचकोने सूचना -जेओए पोतानां नाम ग्राहक तरीके नोधाव्यां न होय तेमणे पूरा टेकाणा साये वार्षिक लवाजमना बे स्पीआ मोकली आपवा विनंती छे. श्री जैन श्वे० कॉन्फरन्स ऑफिस, गोडीजी बिल्डिंग, २०, पायधूनी, कालबादेवी, मुंबई नं. २
SR No.536283
Book TitleJain Yug 1959
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSohanlal M Kothari, Jayantilal R Shah
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1959
Total Pages524
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size34 MB
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