SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 161
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . .१४ (अ) જૈન યુગ al.१-८-३४ श्री जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स । २०, पायधुनी, वम्बई नं. ३. चौदवें अधिवेशन में पास हुआ वन्धारण [CONSTITUTION] [ चौदवां अधिवेशन-बंबई ता० ५-६-७ मे १९३४ ] १ उद्देश:-यह कॉन्फरन्स जिसका नाम श्री जैन श्वेतां- [२] ग्रेज्युएट जिसमें हरेक युनिवर्सिटी और विद्यापीठ पर कॉन्फरन्स रक्खा गया है इसका उद्देश जैन के ग्रेज्युएट, बेरिस्टर, हाई कोर्ट प्लीडर, ईन्जीनीयर, सव एसीस्टेन्ट सर्जन का समावेश होता है जिनकी शिक्षण, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजकीय और . सूची कॉन्फरन्स कार्यालय में रक्खी जायगी। उसमें दूसरे जैन समाज और धर्म सम्बन्धी प्रश्नों पर विचार जो नाम लिखे गये होंगे वही प्रतिनिधि गिने जायगे। पूर्वक योग्य प्रस्ताव करने और उन प्रस्तावों को अमलमें लाने के लिये उपाय करने का है। [३] जैन वर्तमान पत्रों और मासिकों के अधिपति । २ कार्य विस्तार:-समस्त जैन समाज (संघ) सम्बन्धी [४] स्वागत समिति के सभ्य ( मेम्बर )। प्रश्न ही कॉन्फरन्स ले सकेगी. ज्ञाति के, स्थानिक नोट:-प्रतिनिधि की आयु १८ वर्ष से कम नहीं होना संघ के महाजन के और पंचों के तरकारी विवादग्रस्त चाहिये । तथा सभा मंडल या संस्था कम से कम एक विषयों को प्रत्यक्ष व परोक्ष कॉन्फरन्स नहीं ले सकेगी। वर्ष पुरानी होनी चाहिये और यह स्थाई समिति ३ अधिवेशनः-कॉन्फरन्स की पिछली बैठक में निश्चित (स्टॅडींग कमिटी) से स्वीकृत होनी चाहिये और उस सभा, मंडल या संस्था को अपना नाम कॉन्फरन्स किये हुए समय व स्थल पर कॉन्फरन्स सामान्य रीति कार्यालय में एक रुपया वार्षिक चन्दा जिस वर्ष में से वर्ष में एक बार होगी। अधिवेशन हो उस वर्ष का देकर रजिस्टर कराया [अ] यदि एसा कोई भी प्रस्ताव गत् अधिवेशन के समय हुआ होना चाहिये। करने में नहीं आया होगा तो कार्यवाही समिति कॉन्फरन्स का अधिवेशन बम्बई में अथवा अन्य तीर्थ ५ प्रतिनिधि प्रमाणः-हरेक शहर या ग्राम के संघ, सभा, स्थल पर भरनेकी व्यवस्था करे । संस्था या मंडल को प्रतिनिधियों को निश्चित करते समय नीचे की वातें ध्यान में रखनी चाहिये। [ब] कॉन्फरन्स की बैठक अनुकूल तीर्थ स्थानों में या बम्बई में बुलाने का संयोगवशात् न हो सके तो " [१] जिस शहर या ग्राम के अन्दर जैन घरों की संख्या सौ का महामन्त्री साहिबान (जनरल सेक्रेटरीज) और (१००] से अधिक न हो वहां क संघ पांच प्रतिनिधियों कार्यवाही समिति-स्थाई समिति (स्टैंडिंग कमिटी) से अधिक नहीं चुन सकेंगे। की तथा समाज के अन्य संभावित प्रांतिक अग्रेसरों [२] जिस शहर या ग्राम के अन्दर जैन घरों की संख्या सौ की सभा अनुकूल स्थान में कोम के आवश्यक प्रश्नों से अधिक हो वहां के संघ पांच प्रतिशत के प्रमाण से पर विचार करने के लिये सामान्यतः हर साल प्रतिनिधि चुन सकेंगे। वुलावेंगे। शहरेक स्थान की सभा, संस्था या मंडल अधिक से अधिक ४ प्रतिनिधिः-यह कॉन्फरन्स उन प्रतिनिधियों से बनेगी पाच प्रतिनिधि अपने सभासदों में सेही चुन सकेंगे। जो श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन होंगे और जिन्होंने सुकृत ६ प्रतिनिधि फीस:-प्रतिनिधि की फीस रु० ३ और भंडार फंड में अपना हिस्सा-जिस वर्ष में अधिवेशन हो उस वर्ष का-दिया होगा वे ही निम्नलिखित निय भोजन सहित रु०५) होगी. स्वागत समिति (रीसेप्शन मानुसार प्रतिनिधि हो सकेंगे। कमिटी) के सभ्य (मेम्बर) की फीस कम से कम रु०१०) होगी। जिस स्थल पर कॉन्फरन्स का अधि[8] यह योग्य गृहस्थ या सन्नारी जिसको किसी शहर या घेशन हो वहां प्रतिनिधियों की जो फी आवे उसमें से गांव का संघ, सभा मंडल या संस्था प्रतिनिधि प्रत्येक प्रतिनिधि का एक रुपया कॉन्फरन्स के मुख्य चुनकर भेजे। कार्यालय को सुकृत भंडार फण्ड में दिया जाय ।
SR No.536274
Book TitleJain Yug 1934
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1934
Total Pages178
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy