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________________ वीर संवत् २४५७. शुभ मिति आसो वद १० मंगळवारको रात्री के ८ बजे सभाका कार्य प्रारंभ हुवा. मंगळाचरण श्रीयुत् हंसराजजी साहब जोधपुर नीवासी ने बड़े ओजस्वी गायनो में फीया, श्रीयुत शेड हजारीमलजी साहब पारस श्री जोधपुर निवासी सर्वानुमतिसं समापती चुने गये.. फ इस प्रस्तावकी एक एक कापी नामदार गायकवाड सरकारको तथा श्री श्वेताम्बर जैन कान्फरेन्सको भैजी जावे. ~~~NNNNNNNNN अजमेर ~~~~ NN मैं ताकी तर्फसे (१) शेठ खीवराजजी सहाब गामड (२) गणेशमलजी भांडावत 27 (३) धनरुपमलजी भडगतीया नथमलजी भाडीबाळ (४) " (५) चंदजी सचेती (६) " (७) (८) कल्याणमलजी,, (९), हजारीमलजी प्रा. नगरावजी जैन श्वेतांवर एज्युकेशन बोर्डकी धार्मिक परीक्षाएं. नामो पं. गणेश प्रसादजी जयपुर निवासीनें दिक्षा तथा ने जैन फीलासाफी पर पुरा प्रकाश डाला. ज्ञानके उपर पूर्ण विवेचन करके एक प्रस्ताव बाल दिक्षा कानुन जो बडोदरा राज्यमें बनाया जाता है उसके सुधारपर रसा जो सर्वानुमति इस प्रकार पास हुवा. जोधपुर 27 जैन युग. हिन्दी विभाग. श्री फलोधी पार्श्वनाथजी के मेलेमें विराट् सभा. retoreNNNNH प्रस्ताव - आजकी सभा यह प्रस्ताव पास करती है कि जो कानुन बडोदरा राज्यनें बनाया जाता है (बाल दिक्षाका) उसमें निम्न लिखित सुधारा और होना चाहीये. "यदि दिशा देनेवाला नाबाली होते तो उसके माता पिता श्री आदि या संरक्षक उसको लिखित सम्मति दे देवे तथा वहांका श्री संघ आज्ञा दे देने और मैजी साटफाइ फरार दिक्षा दी जावे तो वह कानुन उसपर लागू नहीं होना चाहीये." यह सभा श्री वेतांबर जैन कान्फरन्स बबई प्रस्तावको ठेका देती हुई नामदार गायकवाड सरकार से अनुरोध करती है कि उस कानुनमें उपर लिखे मुजब सुरा करनेकी कृपा करे 35 " 22 33 "" 29 22 33 धनराजजी लुणीया गोपालमलजी बोथरा 37 11 बांठिया पारख बागरेचा 卐 श्रीयुत शेठ बीरघीचंदजी साहब चोधरी नागोर नीवासीने ओसवाल जातिके पतनके कारण तथा उसकी उन्नति के उपाय बड़ी ही मनोरंजन भाषा में वरगन कीये. ता. १-११-३१. श्रीयुत शेठ मोतीचंदजी घाडीवाळ श्री जोधपुर निवासी श्रयुक्त शेठ केसरीमलजी भारीयाळ अजमेरा वहां के मैलेके कुप्रबन्धके बारने प्रकास डाला. इस पर सर्व सम्मिति से आइन्दा संमत १९८९ के मैले के सुधारके लीये एक कमेटी निम्नि लिखित महानुभावोंकी कायम हुई. 27 जोधपूर ,, (१०), लक्ष्मणराज जी,, भन्साली खजवाना, (११),„ (११) जवाहरमलजी नाहर बीकानेर " (१२), सुमेरमलजी सुराणा प्रा. उमेदचंदजी, रामपुरीया 33 पीपाड (१२) सीताजी भन्साली जयपुर (१४) कुवर पुनमचंद दोर 33 स्पेसल मेम्बर (१५) शेड उमरावमलजी सहाब भंडारी जोधपुर. उपरोक्त कार्य होने के बाद सभामति महोदयको धन्यवाद देकर रात्रीके १ बजे सभाका कार्य समाप्त हुवा. पुनमचंद ढोर. परीक्षाएं ता. २७-१२-३० को सबसे होंगी । फार्म ता. १५-१२-३० तक भरके भेज देना के साथ पत्र व्यवहार करें। 17 " " ता. १३-१०-३१. चाहिए। जहां सेन्टर नहीं हो वे अर्जि करें। हिंदीमें धार्मिक परीक्षा के जवाब लिखे जासकेंगे। पठनक्रम, फार्म आदि के लिए मंत्री जैन श्वे. एज्युकेशन बोर्ड, २०१ Printed by Mansukhlal Hiralal at Jain Bhaskaroday P. Press Dhunji Street, Bombay and published by Harilal N. Mankar for Shri Jain Swetamber Conference at 20 Pydhoni, Bombay 3.
SR No.536271
Book TitleJain Yug 1931
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarilal N Mankad
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1931
Total Pages176
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size12 MB
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