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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आत्मानंद प्रकाश ] श्री वीरचंद राघवजी गांधी की जन्म स्थली : महवा में संक्रांति समारोह सौराष्ट्र की ऐतिहासिक नगरी महुवा यात्रा पूर्ण करवा कर भावनगर पधारे । यहां श्री बीरचंद राघवजी गांधी की जन्म स्थली श्री जैन आत्मानंद सभा की शताब्दी का है । पंजाब देशोद्धारक ' विश्ववंद्य विभूति, शुभारंभ एवं दो संक्रांति समारोहों को निश्रा महान ज्योतिर्धर, न्यायामोनिधि आचार्य प्रदान कर भावनगर से विहार कर श्री महाश्रीमद् विजयान द सूरीश्वरजी महाराज की वीर जैन विद्यालय, तलाजा, दाठा, त्रापज, प्रेरणा से ई. सन. १८९३ में चिकागो में हुई अलंग आदि श्री सौंघों को लाभ देते हुए विश्व धर्म परिषद में जैन धर्म के प्रतिनिधि दि. १०-४-९४ को महुवा में पधारे । बनकर श्री वीरचंद राघवजी गांधी गए थे। दि. १०-४-५४ को पूज्य गुरुदेव का जन धर्म को सर्व प्रथम विश्व गांच पर महुवा में भव्य नगर प्रवेश हआ। पूरा महवा रखनेवाले वेही थे। और महुवा के आस-पास के गांव के श्रावकपिछले वर्ष ही इस चिकागो विश्व धर्म गण भी पूज्य गुरूदेव की इस स्वागत शोभा परिषद की शताब्दी पूर्ण ह ई । इस प्रसग पर यात्रा में सम्मिलित हुए । महुवा के इस वीर सपूत को समग्र जैन समाज दि. १३-४-९४ को कार्यदक्ष आचार्य ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की । मह वा में श्रीमद् विजय जगच्चंन्द्र सूरीश्वरजी महाराज उनको चिर स्मृति के लिए 'श्री वीरचंद आदि ठाणा ६ बम्बई से उग्र विहार करके राघवजी गांधी चौक' और एक स्टेच्य की पूज्य गुरुदेव की सेना पहुच गए । पूज्य गुरूस्थापना की गई। श्री वीरचंद राघवजी गांधी के स्टेच्य देव को उन्होंने उनके वर्षीतप के तपश्चर्या के अनावरण समारोह ऐवं संक्रांति उत्सव के को सुखशाता पृच्छा की और ठाणा-बम्बई लिए महुवा श्री संघ की पिछले पांच महिनों में सम्पन्न हुई भव्य और ऐतिहासिक अंजनसे परमार क्षत्रियोद्धारक, चारित्र चूडामणि, शलाका-प्रतिष्ठा महोत्सव के समाचारों से जैन दिवाकर, पज्य गरुदेव आचार्य श्रीमद अनगत कराया। विजय इद्रदिन्नसूरीश्वरजी महाराज को सेना दि. १४-४-९४ को श्री वीरचंद राघवजी में बिनती हो रही थी। गांधी के स्टेच्यू का अनावरण एवं संक्रांति पूज्य गुरुदेव सादडी श्री सघ द्वारा समारोह सम्पन्न हुआ । प्रात: ६-३० बजे आयोजित चातुर्मास एव गिरिराज की नव्वाणु पूज्य गुरुदेव एवं आचार्य श्रीमद् विजय जग. For Private And Personal Use Only
SR No.532016
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 091 Ank 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramodkant K Shah
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1993
Total Pages21
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size3 MB
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