SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir વર્તમાન સમાચાર. ૧૧૯ ॥ ॐ अहं नमः ॥ पूज्यपाद परमोपकारी श्रीआचार्यभगवान श्री १००८ श्रीमद् विजयवल्लभमूरीश्वरजी महाराज साहेब का पंजाब तर्फ प्रयाण. ( लेखक-प्रेमचंद जैन ) युं तो गत वर्ष बडौदे से चौमासा उठते ही आपश्रीजी ने पंजाब तर्फ विहार कर दिया था किन्तु खंभात की फरसना प्रबल होने से अनिच्छाधोन भी वहां जाना पड़ा । किसी प्रबल कारण को लेकर आपश्रीजी का वहां रहना हुआ तथा चतुर्मास भी वहां ही हुआ । फल यह आया कि मांडवी की पोल में जो श्री आदीश्वर भगवान का और श्री नेमिनाथस्वामी का चैत्य बिलकुल गिरने पड़ने की हालत में आ गया था श्रीयुत् शेठ भाईचंद कशलचंदवाले कांतिलालभाई तथा वालचंदभाई को उपदेशामृत छांटकर आपश्रीजी ने उसको बिलकुल नवीन बनवाया । मेरु की चूला जैसा उन्नत और विशाल वह चैत्य कुछ सज्जनों की रात. दिन की महेनत से थोड़े ही अरसे में तैयार हो गया और श्रावण मास में पूज्यपादश्रीजी के वर्द हाथों से उस नवीन चैत्य का महामंगलकारी प्रतिष्ठा-महोत्सव भी हो गया । दूसरा अपूर्व लाभ यह हुआ कि श्रीशांतिनाथस्वामी के मंदिर में एक ताडपत्रों का अति प्राचीन ज्ञानभंडार था जो बहुत समय से किसी एक ही व्यक्ति के अधिकार में होने से किसी को उसके देखने का भी सौभाग्य प्राप्त नहीं होता था उसका आपश्रीजी के अमोघ उपदेश से बहुत ही प्रशस्त प्रबंध हो गया। कार्यवाहकों की प्रमाणिक कमेटी नियुक्त की गई, मकान का रिपेरींग काम कराया गया, नये कबाट बनवाये गये, ज्यादा तारीफ के लायक तो यह योजना कही जा सकती हैं कि किसी समय जो पुस्तक दस २ बीस २ की संख्या में एक २ गठडी में बांधे हुए थे वह कुछ समय पाकर किसी महोदय ज्ञानोपासक की मेहनत से डब्बो में रक्खे गये थे, मगर फिर भी एक २ डब्बे में पांच २ सात २ प्रतियां डाली हुई थी। इस वक्त जो प्रबंध हुआ हैं वह बहुत ही उत्तम हुआ है क्यों कि For Private And Personal Use Only
SR No.531411
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 035 Ank 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1937
Total Pages52
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy