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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir શ્રી મહાવીરનિર્વાણને સમય-નિણય. यह सब विषय अन्यत्र लिख चुके हैं। यहां केवल निर्वाण-संवत् के विषय में कुछ कहा जायगा। महावीर के निर्वाण और गर्दभिल्ल तक ४७० वर्षका अन्तर पुरानी गाथा में कहा हुआ है जिसे दिगंबर और श्वेतांबर दोनों दलवाले मानते है । यह याद रखने की बात है कि बुद्ध और महावीर दोनों एक ही समय में हुए । बौद्धों के सूत्रों में तथागत का निर्ग्रन्थ नाटपुत्र के पास जाना लिखा है। और यह भी लिखा है कि जब वे शाक्यभूमि की और जा रहे थे तब देखा कि पावा में नाटपुत्र का शरीरान्त हो गया है । जैनों के 'सरस्वती गच्छ' की पट्टावली में विक्रमसंवत् और विक्रमजन्म में १८ वर्ष का अन्तर मानते हैं । यथा-"वीरान ४९२ विक्रम जन्मान्तर वर्षे २२, राज्यान्त वर्षे ४ ॥" विक्रम विषय की गाथा की भी यही ध्वनि है कि वह १७वें या १८ वें वर्ष में सिंहासन पर बैठे । इस से सिद्ध है कि ४७० वर्ष जो जैन-निर्वाण और गदेभिल्ल राजा के राज्यान्त तक माने जाते हैं, वे विक्रम के जन्म तक हुए-(४९२-२२-४७०) अतः विक्रमजन्म (४७० म०नि०) में १८ और जोड़ने से निर्वाण का वर्ष विक्रमीय संवत् की गणना में निकलेगा अथोत् (४७०+१८) ४८८ वर्ष विक्रम संवत् से पूर्व अन्त महावीर का निर्वाण हुआ। और विक्रम संवत् के अब तक १९७१ वर्ष बीत गए हैं, अतः ४८८ वि० पू० १९७१-२४५९ वर्ष आजसे पहले जैन-निर्वाण हुआ। पर "दिगंबर जैन" तथा अन्य जैन पत्रों पर वि० सं० २४४१ देख पडता है। इस का समाधान यदि कोई जैन सज्जन करें तो अनुग्रह होगा । १८ वर्ष का फर्क गर्दभिल्ल और विक्रम संवत् के बीच गणना छोड देने से उत्पन्न हुआ मालूम देता है । बौद्ध लोग लंका, श्याम, वर्मा आदि स्थानो में बुद्ध निर्वाण के आज २४५८ वर्ष बीते मानते हैं । सो यहां मिलान खा गया कि महावीर, बुद्ध के पहले निर्वाण-प्राप्त हुए नहीं तो बौद्ध गणना और 'दिगंबर जैन' गणना से अर्हन्त का अन्त बुद्ध-निवार्णसे १६-१७ वर्षे पहेले सिद्ध होगा. जो पुराने सूत्रों की गवाही के विरुद्ध पडेगा! Con* वर्तमानमें १६७४ विक्रम और २४६२ वीर संवत् है. For Private And Personal Use Only
SR No.531181
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 016 Ank 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1918
Total Pages44
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size6 MB
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