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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir આવશ્યક સૂચના. (१) पल्लीवालों के जहां मन्दिर है वहां भादों में पर्युषणपर्व [अठाई] मानी जाती है दिगम्बरियों की भांति दस लाक्षनी नहीं ।।। (२) पल्लीवालों के जहां प्राचीन मंदिर हैं वहां केशर वगैरह चढती है। _ और जतीजी रहते थे व अब भी रहते हैं और कल्पसूत्रजी बांचते हैं। (३) पल्लीवाल विजय गच्छ के हैं और पल्लीवालों के जतीनी भी विजय गच्छ के है और पल्लीवालों के जती जी भी विजयगच्छ के हैं जैसे श्री १०८ श्री मुलतान चन्द्रजी महाराज वसुवा में सेवारामजी महाराज अलवर में मुलचंद्रजी महाराज सांती मुरलीधर जी वैर में रामचन्द्र जी करौली में गोविंद चन्द्र भी हिंडौन में घनश्यामदास जी आगरे में रहते थे मुरलीधर मी वैर में मुरलीधर जी मिडाखुर में इन्हीं का अधिकार है वारेन का श्री पूज्य मी दीग में थे श्री हुक्मचन्द्र जी भरतपुर में थे श्री चन्द्रजी भरतपुर में थे कुम्हेर में जती थे जिन्होंने चन्द्रिका व्याकरण के उपर दीका बनवाई है। (४) विवाहिता लडकी भादों की पञ्चमी करती हैं मगर दिगंबरीन की ___ भांति चतुर्दशी नहीं करती। (५) पञ्चमी करने वाली लडकियां श्वेतांबर साधुओं की कथा सुनती हैं और रात को छाया में पोसा भी करती है चौडे में दिगंवरीन की भांति नहीं करती। (६) श्री महावीरजी का मन्दिर मी श्वेताम्बर है और उस मन्दिर को श्रीमान् दीवान जोधराज जीने बनवाया था वह पल्लीवाल श्वेतांवरी थे और उनका दूसरा बनाया हुआ मन्दिर दीग में है वहां पर भी कुल काम श्वेतांबरी नियम के अनुसार होता है। (७) अब भी पल्लीवाल सर्व श्वेतांबर है कोई २ दिगंवर व आर्य समाजी हो गये हैं अगर दिगंबरो में ने पल्लीवाल श्वेतांबर होते तो दिगंबर ज्यादा होने चाहिए थे क्यों कि वृक्ष की पीड से शाखा बडी नहीं होती है। नोट-पल्लीवाल दिगंबर भाइयों ने पाठशाला स्थापित की है वै चन्दा तो श्वेतांबरों से लेते हैं परन्तु उन्होंने यह नियम रखा है कि सभासद दिगंबर ही हो सकते हैं और पाठशाला में पढ़ाई भी श्वेतांबर आम्नाय की नहीं पलाई जाती यह बात विचारनीय है। निवेदक-- पल्लीवाल कमेटी जती मोहल्ला भरतपुर. For Private And Personal Use Only
SR No.531170
Book TitleAtmanand Prakash Pustak 015 Ank 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Atmanand Sabha Bhavnagar
PublisherJain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publication Year1917
Total Pages30
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationMagazine, India_Atmanand Prakash, & India
File Size3 MB
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