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________________ न० माम आचार्य व महारक | गुरु का नाम गच्छ | अन्वय | किस समय में उल्लेख - मिलता है। विशेष विवरण , पद्मनंदि ... |सं० ११०३ प्रतिष्टाचार्य भ० प्रभाचन्द्रदेव भ• पद्मनंदि " भानुकीर्ति | " भानुचन्द्र , भुवनकीर्ति "प्रभाचन्द्र काष्टा सं० १४१२ सं० १४५० सं० १६२८ सं० १९४८ ... | मुड़ासा में प्रतिष्टा कराई । सं० १५४८ ... | सं० १५३४ के लेख में भ० ज्ञान | भूषण के गुरुरूप में उल्लेख है। यह भिन्न मालूम देते हैं। सं० १९२० सं०१५३७३१५४५ सं० १५१०३१५२६ सं० १६७५ बलात्कार | सरस्वती कुन्द भास्कर काष्ठा , महेन्द्रभूषण ... | भ० जिनेन्द्रभूषण | , , मलयकीर्ति | गुणभद्रानाये मलयकीर्ति आचार्य भ० महाचन्द्र | भ० शीलभूषण , महीचन्द्र . महाचन्द्र , मुनीन्द्रकीर्ति ... काष्टा , पनकीर्ति ,, बसकीर्ति , रामसेन आचार्य रत्रकीर्ति म. अभयनन्ददेव रत्रकीर्ति मंडलाचार्य ... " जसकीर्ति भ० राजेन्द्रकीर्ति " पुष्कर माथुर बलात्कार सरस्वती सं० १९५२ ...| बनारस में प्रतिष्ठा कराई । अखरो ग्राम। बलात्कार कुन्द | सं० १६६२ |सं० १०५१ . सं० १९१०-१९३६ काष्टा [भाग २ " तामाये हरचं तदानाये
SR No.529551
Book TitleJain Siddhant Bhaskar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Siddhant Bhavan
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year
Total Pages417
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Siddhant Bhaskar, & India
File Size10 MB
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