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किरण २
प्रतिमा-लेख-संग्रह
३० चौमुखी अर्हत्-खगासन -धातु-१० अं0-"सं० १५४६ वैसाष सुदि १२ सोमदिने
भिमा माता गदा तसु पुत्र वीधा .....।" ३१ चन्द्रप्रभ-श्वेत पा०-१०॥ अंक-"सं० १५४८ वर्षे वैसाष सुदि ३ श्रीभानुचन्द्र भट्टारकजी
श्रीजिवराज पापड़ीवाल......... " ३२ आदिनाथ-श्वेत–२८ अं०-"सं० १५४८ वरषे वैसाष सुदी ३ श्री मुलसंघ भट्ठारक जी
श्रीभानुचन्द्रदेव साह जीवराज पापड़ीवाल नित्यं प्रणमति सहर मुड़ासा श्रीराजा
__सबसंघ ।" ३३ अर्हत्-श्वेत-१० अं०-'सं० १५७७ इत्यादि-" ३४ अर्हत्-कृष्ण पा०-४ अं०-'सं० १६६५” ३५ पार्श्व-खड्गा० ४ अं-लेखरहित । ३६ श्रेयांसनाथ (गैंडा)- श्वेत पा०-३२ अं० - "सं० १६८८ वर्षे फाल्गुण सुदी ८ शनौ
श्री मूलसंघे भ० श्रीज्ञानभूषणदेव तत्प भ० श्री जगद्भूषणदेव तदाम्नाये पुले ज्ञातिये खेमिज गोत्रे साधु तारन तद्भार्या मैना..... भार्या जमुना तत्पुत्र साधु भान तस्य भार्या नरायनदे तत्पुत्र साधु राजाराय खेमकरण एतेषां मध्ये साधु मानो
विम्ब प्रणमन्ति ।" ३७ अर्हत्-धातु-२३ अं०- यक्षादि चमरछवादि-सहित-लेख-रहित । ३८ अर्हत्-(खड्गासन)-धातु-३ अं०-लेख-रहित । . (कुल १४० प्रतिमायें हैं, जिनमें ३३ लिङ्गचिह्न-सहित और शेष लिङ्गचिह्न-रहित हैं)
(७) मैनपुरी (मुहकमगंज) के दि० जैन पंचायती (बड़ा) मंदिर में विराजमान
लिंगचिह्न-सहित प्रतिमाओं पर का लेख-संग्रह । १ नेमिनाथ-कृष्ण पा०-५० अं० ऊचाई - "श्री सं० १९५२ का मिती माधसुदी १ काष्ठासंधे
माथुरगच्छे पुष्करगणे लोहाचार्याम्नाये भ० मुनीन्द्रकीर्ति देवस्तदानाये अगरवाल वैश्यवंशे बाबू रामदासजी तत्पुखा बाबू छेदीलाल विष्णुचंद्र जी नरोत्तमदासजी श्री जिनमन्दिर पूर्वक श्री जिनविम्व प्रतिष्ठा करापिता अंगरेज बहादुर श्रीमती राणी
विक्टूरिया शहंशाह राज्य प्रवर्तमाने शुभम् ।" २ तीन भगवान खड्गासन-छत्रसहित-मध्य में शीतलनाथ-इधर उधर नेमिनाथ और
अभिनंदननाथ-१३ अं0-"सं० १२१६ माघ सुदी १ साधु उदयदे पुत्र जयचन्द्र ।"