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श्रीजैनसिद्धान्त-भास्कर के नियम।
१ यह पत्र तीन तीन महीने पर प्रकाशित हुआ करेगा। २ सर्वसाधारण के लिये डाक व्यय-सहित इसका भारत में वार्षिक मूल्य ४) रुपया और विदेश के लिये ६॥) रुपया है, किन्तु राजा महाराजाओं के सम्मानार्थ १००) रुपया रहेगा। प्रतिकिरण का मूल्य १) रुपया है। बिना अग्रिम मूल्य के प्रायः यह पत्र नहीं भेजा जा सकता। इसकी पुरानी प्रतियाँ देने के लिये "भवन' बाध्य नहीं होगा। यदि पुरानी प्रति मिलेगो भी तो उसका मूल्य कुछ अधिक लिया जायगा।
३ यदि किसी को पता बदलवाना हो तो वे सम्पादक जैनसिद्धान्त भवन आरा से पत्र व्यवहार कर ठीक कर लेवें।
४ यदि नियमित तिथि पर पाठकों के यहां "भास्कर" नहीं पहुंचे तो वे अपने यहां के डाकखाने में तलाश कर हमें सूचना दें। बाद हम डाकखाने में इसकी पूरी खोज कर के ठीक कर देंगे।
५ लेख, समालोचना के लिये पुस्तक, बदले के पत्र, मूल्य और प्रबन्ध सम्बन्धी पत्र सम्पादक "श्रीजैन-सिद्धान्त-भास्कर" आरा के पते से आना चाहिये।
६ किसी लेख के प्रकाशित करने वा न करने तथा लौटाने वा नहीं लौटाने का पूर्ण अधिकार सम्पादक को है। यदि कोई लेख सम्पादक लौटाना चाहें तो उनका डाक व्यय और रजिष्टरी का खर्च लेखक को देना पड़ेगा। अन्यथा लौटाने के लिये सम्पादक वाध्य नहीं होगा।
७ अधूरे लेख नहीं लिये जायंगे। स्थान के अनुसार लेख एक वा अधिक किरणों में भी प्रकाशित होते रहेंगे।
८ इस पत्र में ऐतिहासिक, साहित्यिक एवं पुरातत्व-सम्बन्धी लेखों के सिवा राजतिक आदि विषयों को चर्चा तक भी नहीं रहेगी। , पत्र-व्यवहार "जैन-सिद्धान्त भवन आरा" के पते से करना चाहिये ।