SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 112
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 15th Biennial JAINA Convention 2009 Ecology - The Jain Way हरियाली पर मत चलो पेड पौधे को मत तोड़ो | पेड को तोडना तो दूर पेड की पत्ती भी न तोडने का आदेश जैन दर्शन ने दिया है । वनस्पतियों को नष्ट करने में जैन दर्शन पहले दर्जे की हिंसा मानता है. इसी लिए जैन धर्म के कई श्रावक -श्राविकाएँ हरी सब्जी तरकारी जिसे लिलोत्री कहा जाता हैं न खाने की सौगंध लेते हैं | जैन धर्म के अनेक परिवारों में पर्युषणादि पर्व दिनों में हरी सब्जीयों का सेवन नहीं किया जाता | पर्यावरण की सुरक्षा एवम् संवर्धन में जैन दर्शन का महान योगदान है | जीवन प्रदान करने वाले वायु तत्त्व को प्रदूषित करने में पटाखों का आतिशबाजी का काफी योगदान रहता है | भारत के सभी प्रांतो और लगभग सभी धर्मो में दीपावली का त्योहार बडे हर्षोल्हासके साथ मनाया जाता है | इस त्योहार में एक से एक ऊँची आवाज करने वाले एवम् रंग बिरंगी चिनगारियों वाले पटाखों की आतिशबाजी करने की प्रथा है | इस आतिशबाजी में बच्चों के साथ उनके पिताजी दादाजी भी बडी उमंग के साथ शामिल होते हैं | केवल दीपावली में ही नहीं आजकल शादी ब्याह एवम् हर तरह के आनंदोत्सवों में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी की जाती है | आतिशबाजी में फूटनेवाले पटाखों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण के साथ ही साथ ही साथ उनसे निकलने वाले विषैले घूँओसे सारा वातावरण प्रदूषित हो जिसमें साँस लेना भी कठिन हो जाता है पटाखों और तरह तरह की फुलझडियों से निकलनेवाली अग्नि एवम् जहरीली गैस से असंख्य जीवों की हत्या होती है | आतिशबाजी एक ऐसा घातक खेल है जिससे हर साल अनेकों को केवल अपने अवयव ही नहीं जान तक गंवानी पडती है | चातुर्मास में ही आनेवाले दीपावली त्योहार के समय जैन संत सतियाँ आतिशबाजी न करने की बच्चों को शपथ देते है आतिशबाजी का विरोध करते है | पर्यावरण यह जीवों की सुरक्षा का एक अत्यंत आवश्यक एवम् उपयुक्त आच्छादन या कवच है. जिसकी मदद से संसारी जीव सुखपूर्वक जीवनयापन कर सकते हैं | परंतु अज्ञानी स्वार्थी एवम् दुष्ट प्रवृत्ति के लोग अपनी बेजा हरकतों से पर्यावरण प्रदूषित करते हैं. जिससे असंख्य जीवोंकी अकारणही हिंसा होती है | जैन धर्म का दूसरा नाम है " अहिंसा धर्म " इसिलिए तो पर्यावरण में प्रदूषण फैलाने का जघन्य कार्य करनेवाली हर हरकत का जैन दर्शन ने विरोध कर पर्यावरण की सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है | 110
SR No.527531
Book TitleJAINA Convention 2009 07 Los Angeles
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFederation of JAINA
PublisherUSA Federation of JAINA
Publication Year2009
Total Pages138
LanguageEnglish
ClassificationMagazine, USA_Convention JAINA, & USA
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy