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विषय-सूची
१: जिनसेन -स्मरण
पृष्ठ ६७७
२: श्रीभद्रबाहु स्वामी - [मु० ले मुनि श्री चतुरविजय अनु० पं० परमानन्द
६७८
३: शिक्षित महिलाओं में अपव्यय - [श्री ललिताकुमारी
දිල
४: प्रथम स्वहित और बादमें परिहित क्यों ? [श्री दौलतराम मित्र
६९०
५. आभार और धन्यवाद, अनेकान्सका आगामी प्रकाशन, मेरी आन्तरिक इच्छा [ सम्पादकीय ६९५
६. पण्डितप्रवर आशाधर [ श्री पं० नाथूराम प्रेमी
६९७
७. ऊँच-नीच गोत्र विषयक चर्चा [ श्री बालमुकुन्द पाटोदी
८. मेंढक के विषय में शंका [श्री दौलतराम मित्र
९. तामिल भाषाका जैन साहित्य [मूळ ले० प्रो० एः चक्रवर्ती अनु०पं० सुमेरचन्द दिवाकर
१० : प्रो० जगदीशचन्द और उनकी समीक्षा [ सम्पादकीय
११: वीर सेवामंदिर- विज्ञप्ति [अधिष्ठाता
१२: गो० कर्मकांडंकी त्रुटि पूर्ति के विचार पर प्रकाश [ पं० परमानन्द शास्त्र
पिठात 'वीरपानन्दि
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सरसावा, जि॰ सहारनपुर ।
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७५५
वरसेवा मन्दिर को सहायता
- हाल में बा० विश्वम्भरदासजी जैन गार्गीय, झाँसी ने; वीरसेवामन्दिर में पधार कर उसके कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे १०) रु० की सहायता प्रदान की है, जिसके लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं ।
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