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प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय जैन कांग्रेस
का अधिवेशन सन् १९८१ अमेरिका (न्यूयार्क) में आयोजित कर भावी कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तैयार की। अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस के बढ़ते हुए चरण न्यूयार्क से लन्दन और भारत तक पहुँच गए हैं। सन् १९८३ के सितम्बर में लन्दन में, द्वितीय कांगेस अधिवेशन सन् १९८५ फरवरी दिल्ली में, तृतीय कांगेस अधिवेशन सन् १९८६ न्यूजर्सी सिद्धाचलम में, चतुर्थ जैन कांगेस की प्रथम बैठक १९८७ दिसम्बर दिल्ली में, द्वितीय बैठक सन् १९८८ मार्च बैंकाक में सम्पन्न हुई।
विश्व अहिंसा संघ विश्व अहिंसा संघ के अन्तर्गत सन् १९५७ में अहिंसा भवन (आचार्य सुशील मुनि आश्रम) डिफेंस कालोनी स्थित अहिंसा विहार (आचार्य सुशील मुनि आश्रम) पश्चिम विहार स्थित ( आचार्य सुशील जैन आश्रम) में अहिंसा-लाइबेरी और भगवान महावीर संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की। इसके बाद अहिंसा आर्युवेदिक डिस्पैन्सरी, अहिंसा आर्युवेदिक विद्यालय अहिंसा-नेन चिकित्सालय, अहिंसा रिसर्च मैन्टर, योग केन्द्र आदि विभिन्न प्रवृत्तियों को महत्व दिया गया। अहिंसा की बहुमुखी योजनाओं को साकार करने के लिए भारत की राजधानी दिल्ली के विभिन्न भागों में तीन आश्रम बन चुके हैं और दो अभी निर्माणाधीन हैं।
इन्टरनेशनल महावीर जैन मिशन
अन्तर्राष्ट्रीय महावीर जैन मिशन के अन्तर्गत मदास (भारत) में स्थित आचार्य सुशील मुनि जैन आश्रम' यु.के. (ब्रिटेन) में स्थित “आचार्य सुशील जैन आश्रम', कैलिफोर्निया में "आचार्य सुशील मैडिटेशन सैनतर" कनक्टीकट में “जैन मैडिटेशन सैन्टर" न्यूजर्सी (अमेरिका) में स्थित सिद्धाचलम् आश्रम आदि की स्थापना की।
मद्रास आश्रम
भारत के मदास आश्रम में "आचार्य सुशील मुनि जैन विद्यालय' अंगेजी-माध्यम से सुचारू रूप से गतिशील है और रूपचन्द जी म. की समाधि मन्दिर की स्थापना हो चुकी है। बरमिंघम कैलिफोनिया, कैनेटिकट, न्यूयार्क, ओहायो आदि आश्रमों और उनकी शाखाओं में योग, प्रार्थना और ध्यान के केन्द्र चल रहे हैं।
Jain Digest
June 1994
Page 45
Jain Education Intermational 2010_02
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