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________________ गतिविधियाँ लखनऊ में राष्ट्रीय दिगम्बर जैन विद्वत् सम्मेलन सम्पन्न पूजय मुनि श्री सौरभसागरजी के सान्निध्य में देश में प्रथम बार डालीगंज लखनऊ के प्रांगण में 15-16 अक्टूबर 2011 को राष्ट्रीय दि. जैन विद्वत् महासम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसमें, अ.भा. दि.जैन शास्त्रि परिषद तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ अ.भा. दि.जैन विद्वत् परिषद शीर्षक वर्तमान में दि. जैन समाज में कार्यरत तीनों विद्वत् संगठनों ने सक्रिय सहभागिता दी एवं शताधिक विद्वान सम्मिलित हुए। सम्मेलन में 4 अन्य प्रस्तावों के सहित निम्न प्रस्ताव पारित किया गया। 'परम पूज्य मुनि श्री सौरभ सागरजी महाराज (ससंघ) के सान्निध्य में दि. 15 एवं 16 अक्टूबर 2011 को आयोजित विद्वत् महासम्मेलन में सम्मिलित संस्थाएं :अ.भा. दि. जैन शास्त्रि परिषद तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ अ.भा. दि. जैन विद्वत् परिषद भा. दि. जैन धर्म संरक्षिणी महासभा यह प्रस्ताव करती हैं कि सभी संस्थाओं को मिलाकर एक समन्वय समिति बनाई जाये, जिसमें उनके प्रमुख पदाधिकारी अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष सम्मिलित हो तथा यह मिलकर चाहे तो 5 अन्य विषय विशेषज्ञ विद्वानों को सम्मिलित करें। यह समन्वय समिति मिलकर जिन विषयों पर धार्मिक विवाद है उन पर प्रचलित परम्परा और पद्धति के आलोक में विचार करे एवं समुचित मार्गदर्शन करे ताकि समाज में समन्वय, संगठन एवं सौहार्द्र बना रहे । एकमत होने पर ही मार्गदर्शन या सुझाव को स्वीकृत माना जायेगा। इस प्रस्ताव में पत्र सम्पादक संघ, अ.भा. दि. जैन महासमिति, भा. दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, दक्षिण भारत जैन सभा को भी सम्मिलित किया गया। इस समिति के संयोजक श्री प्रदीप पाटनी लखनऊ होंगे तथा कोरम 11 सदस्यीय रहेगा। सम्मेलन अत्यन्त सफल रहा। 17 आलेखों को भी प्रस्तुत किया गया। Congratulation We glad to inform you all that Dr. Anil Jain, S/o Late Shri Hotilal Jain, Firozabad, (UP) has been awarded Ph.D. Degree in Eco Philosophy titled "Jainism Prespective about Environment & Ecology - A critical Study" from Mumbai University. This Ph.D. thesis has been rated worth of publication & will be pioneered for today's gereration. This thesis gives insight & prospect that how Jainism principles conserve & protect the ecology & environment & has also proved that "Lord Mahavir" was the greatest Ecologist of his age. Dr. Jain has been a bright student since his childhood & presently he is working in a senior position as Vice President & Head - Health, Safety & Environment at ESSAR STEEL LTD., India. Contact : Dr. Anil Jain, 9909901224 Dr. Anupam Jain, Editor अर्हत् वचन, 24 (1), 2012 93
SR No.526592
Book TitleArhat Vachan 2012 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2012
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size3 MB
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