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________________ गणिनी ज्ञानमती प्राकृत शोधपीठ के भवन का निर्माण प्रारम्भ पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी की प्रेरणा से युवा जैन विद्वान एवं गणितज्ञ डॉ. अनुपम जैन के निर्देशन में गणिनी ज्ञानमती प्राकृत शोधपीठ के इन्दौर परिसर के विकास का निर्णय 21 फरवरी 2002 को किया गया था। गतिविधियाँ ज्ञातव्य है कि समाजरत्न एवं प्रसिद्ध व्यवसायी श्री दिग्विजयसिंहजी जैन द्वारा सुदामानगर, इन्दौर में प्रदत्त भूखण्ड पर इन्दौर परिसर के निर्माण का भूमिपूजन अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर 4 मई 2003 को परमपूज्य आचार्य श्री अभिनन्दनसागरजी महाराज एवं उपाध्याय श्री निजानन्दसागरजी महाराज के ससंघ मंगल सान्निध्य तथा कर्मयोगी ब्र. रवीन्द्रकुमारजी जैन के निर्देशन में प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति श्री आर. के. जैन के करकमलों से इंजी. श्री आजाद जैन शाह के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हो चुका है। अजितकुमार सिंह कासलीवाल करकमलों श्री दिग्विजयसिंहजी जैन की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस पावन अवसर पर श्रीमती विमला कासलीवाल (मंत्री - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ श्री अजितकुमारसिंह कासलीवाल भूमि खनन कर निर्माण कार्य का शुभारम्भ करते हुए परीक्षा संस्थान), श्रीमती सुमन - जैन ( महामंत्री अ. भा. दि. जैन महिला संगठन), श्री प्रदीप कासलीवाल (राष्ट्रीय अध्यक्ष महासमिति ट्रस्ट), इंजी. श्री आजाद जैन शाह, श्री जयसेन जैन (सम्पादक -सन्मतिवाणी), श्री रमेश कासलीवाल (सम्पादक वीर निकलंक), श्री सुभाष गंगवाल (सम्पादक मानतुंग पुष्प), पं. नाथूराम डोंगरीय (संरक्षक जैन समाज, सुदामानगर), इंजी. के. सी. जैन ( उपाध्यक्ष जैन समाज, सुदामा नगर), श्री पदमचन्द मोदी ( महामंत्री जैन समाज, सुदामा नगर), श्रीमती संगीता विनायका ( व्याख्याता), श्री कोमलचन्द जैन, श्री जीवनप्रकाश जैन एवं नगर के अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे। Jain Education International भवन निर्माण कार्य का शुभारम्भ दिनांक 27.10.03 को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के कोषाध्यक्ष श्री निर्माण कार्य द्रुतगति से चल रहा है एवं आशा है कि आगमी 6 माह में प्रथम चरण पूर्ण हो जायेगा। श्री अरविन्दकुमार जैन (फिरोजाबाद), श्री सुनीलकुमार जैन (सारंगपुर), श्री पदमचन्द मोदी (इन्दौर) मे भी निर्माण कार्य में सहयोग की घोषणा की। शिलान्यासकर्ता उद्योगपति श्री आर. के. जैन एवं इंजी. श्री आजाद जैन शाह का उदात्त सहयोग पूर्व से ही प्राप्त है। निर्माण प्रसिद्ध वास्तुविद् मे भिड़े एसोसिएट के मार्गदर्शन में एम.एस.जे. कन्स्ट्रक्शन के. के परामर्शानुसार हो रहा है। अर्हत् वचन, 15 ( 4 ), 2003 For Private & Personal Use Only 111 www.jainelibrary.org
SR No.526560
Book TitleArhat Vachan 2003 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2003
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size11 MB
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