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णमोकार मंत्र का उच्चारण तथा ध्यान वर्णों के माध्यम से करने पर लक्ष्य की दृढ़ता होती है तथा मन एकाग्र होता है जिससे कर्मों की अपरिमेय गुना निर्जरा होती है। वास्तु शास्त्र के 'मानसार' नामक ग्रन्थ में पंच परमेष्ठियों को क्रमशः निम्न पाँच वर्णों द्वारा निरूपित किया गया है
स्फटिकश्वेत रक्तं च पीत श्याम - निभं तथा । एतत्पज्वपरमेष्ठी पज्यवर्ण
यथाक्रमम ॥'
वर्ण
अर्थात् स्फटिक के समान श्वेत वर्ण, लाल वर्ण, पीत वर्ण, हरा वर्ण एवं नीला ये पाँच वर्ण क्रमश: पंच परमेष्ठी के सूचक हैं। इनमें श्वेत वर्ण अरिहंत परमेष्ठी का सूचक है। स्फटिक निर्मलता की प्रतीक होती है तो अरिहंत भी चार घातिया कर्मों का क्षय करके निर्बल स्वरूप में स्थित हैं। लाल रंग पुरुषार्थ का प्रतीक है तो सिद्ध परमेष्ठी ने परम पुरुषार्थ से मोक्ष की सिद्धि की है। अतः उन्हें लाल वर्ण से संसूचित किया गया है। पीत वर्ण वात्सल्य को दर्शाता है तो 'आचार्य' परमेष्ठी संघ को वात्सल्य भाव से अनुशासित कर सन्मार्ग में मर्यादित रखते हैं अतः उन्हें पीत वर्ण से संकेतित किया गया है। हरा रंग समृद्धि का द्योतक है। 'उपाध्याय' परमेष्ठी संघ को ज्ञान देकर समृद्धि करते हैं अतः हरा रंग उनका सटीक परिचायक है गहरा नीला रंग अथवा काला रंग साधु परमेष्ठी के उस वैराग्य का द्योतक है जिस पर कोई रंग नहीं चढ़ सकता । इसी कारण से सूरदासजी ने लिखा है सूरदास की काली कामरि चढ़े न दूजो रंग । कुछ विचारक इन पाँच वर्णों को क्रमश: अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह का प्रतीक भी मानते हैं। इसी कारण से पाँचों वर्णों की समानुपातिक पट्टियों से जैन महाध्वज निर्मित किया गया है।
1. 'श्याम' पद आजकल साँवले या हल्के है, किन्तु मूलतः यह हरित वर्ण का ही शस्यश्यामला कहा जाता है।
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2. 'निमं' शब्द को नम या आकाश का समानार्थी माना गया है निर्भ नभः तथा आकाश के लिये नीलाम्बर शब्द का प्रयोग मिलता है। वस्तुतः रात्रि में जैसे आकाश का वर्ण गहरा नीला होता है, वही गहरा नीला वर्ण यहाँ निर्भ पद से अभिप्रेरित है। गहरा नीला होने से रात्रि में आकाश काला प्रतीत होता है। संभवत: इसीलिये निभं पद को काले वर्ण का सूचक मान लिया गया है, परन्तु आलेख में निभं का अभिप्राय नीला माना गया है ।
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जैसा कि आधुनिक विज्ञान की अवधारणा है कि दृश्य प्रकाश सात रंगों के योग से निर्मित है एवं इन सात रंगों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा निम्न क्रम में होती है -
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दृश्य प्रकाश जो रंगहीन होता है
उच्च ऊर्जा क्षेत्र
काले वर्ण का सूचक रूढ़िवसात माने जाना लगा सूचक है। इसीलिये हरियाली से युक्त पृथ्वी को
प्रिज्म
V. I. B. G. Y. O. R. बढ़ती हुई ऊर्जा
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V बैंगनी
1 कापोत
B नीला
G हरा
Y पीला
० नारंगी
R लाल
ज
-न्यून ऊर्जा क्षेत्र
अर्हत् वचन, 15 (3), 2003
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