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जिनदेव की मूर्ति
अंकुश
भोजराज
श्रीफल लिये हुए
महाकुमार
धार में स्थित वाग्देवी
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सरस्वती की प्रतिमा
विद्याधर
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इस हाथ की अनामिका हथेली में कोण
व
को ध्यान में रखें
तो इसमें अक्षमाला होने की संभावना है।
बालक
पादपीठ पर अभिलेख
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ऊ(ॐ) श्रीमद्भोज नरेन्द्रचन्द्रनगरी विद्याधरी विधाय जननीम् यस्यार्जितां त्रयी इति शुभम् सूत्रधार हिरसुत मनथलेन (मणथलेन) घटितां विटिका शिवदेवेन लिखित मिति संवत् 1091.
भोनधिमास.....रम खलु सुखं ( प्राप्यान) याप्सरः वाग्देवी प्रतिमा .............. फलाधिका...----
. । धारा....... मूर्ति शुभां निर्ममे ।
अर्हत् वचन, 15 (3) 2003
सिंह
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