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________________ द्वारा मान्य इस शोध केन्द्र पर अब तक 11 छात्र पी एच.डी., 5 छात्र एम.फिल. तथा 19 एम.ए./एम.एस.सी. के लघु शोध प्रबन्ध लिख चुके हैं। आधा दर्जन छात्र आज भी अपने शोध कार्य में निरत हैं। शोध पत्रिका अर्हत् वचन का विगत 15 वर्षों से नियमित प्रकाशन किया जा रहा है जिसके प्रवेशांक का विमोचन तत्कालीन उपराष्ट्रपति महामहिम डॉ. शंकरदयाल शर्मा द्वारा किया गया था। आज इसके नवीन अंक का विमोचन हो रहा है। इसका सम्पादन गणित के मूर्धन्य विद्वान डॉ. अनुपम जैन प्रारम्भ से ही सफलतापूर्वक कर रहे हैं। अंकलिपि में लिखे सर्वभाषामयी अद्भुत ग्रन्थ सिरिभूवलय के अनुवाद एवं डिकोडिंग का कार्य भी डॉ. महेन्द्र कुमार जैन 'मनुज' के सहयोग से हो रहा है। भारत सरकार के सहयोग से जैन पाण्डुलिपियों के सूचीकरण एवं राष्ट्रीय पंजी के निर्माण के कार्य में भी महावीर ट्रस्ट पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहा है। स्वास्थ्य योजनाओं के अन्तर्गत महावीर ट्रस्ट विकलांग एवं अनुसंधान केन्द्र, महावीर फिजियोथेरिपी केन्द्र, महावीर आई केयर सेन्टर तथा महावीर आयुर्वेदिक दवाई वितरण केन्द्र सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं। डॉ. देव पाटोदी के सुयोग्य मार्गदर्शन में चलाये जा रहे महावीर फिजियोथेरिपी सेन्टर की ख्याति नगर के सर्वश्रेष्ठ फिजियोथेरेपी केन्द्र के रूप में हैं। आज भी अनेक विकलांग भाइयों को जयपुर फुट एवं अन्य उपकरण प्रदान किये जा रहे हैं। महावीर बाल संस्कार केन्द्र, इन्दौर एवं टीकमगढ़, महावीर मूर्तिकला केन्द्र, इन्दौर एवं महावीर संगीतकला केन्द्र ट्रस्ट की शैक्षणिक गतिविधियों के सुन्दर उदाहरण हैं। ट्रस्ट के मुख पत्र सन्मतिवाणी के नियमित प्रकाशन के अलावा संस्थापक अध्यक्ष भैया मिश्रीलालजी गंगवाल के जीवन पर आधारित स्मृति ग्रंथ का प्रकाशन एक उल्लेखनीय उपलब्धि रही है। सन्मतिवाणी के नये अंक का आज विमोचन हो रहा है। ट्रस्ट द्वारा निर्धन महिलाओं को आजीविका के साधन उपलब्ध कराने हेतु महावीर गृह उद्योग भी संचालित किया जाता हैं। मात्र इतना ही नहीं अन्य अनेक जनकल्याणकारी योजनाएँ संचालित है। जिनकी चर्चा इस संक्षिप्त उदबोधन में संभव नहीं। ट्रस्ट की अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन अभी शेष है। बढ़ती महंगाई एवं घटती ब्याज दरों के इस युग में एक निश्चित जमा राशि की आय से बड़ी एवं नियमित व्यय वाली योजनाओं का संचालन संभव नहीं। ऐसे में ट्रस्ट द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के उदार सहयोग एवं मार्गदर्शन से ट्रस्ट की भूमि के व्यावसायिक उपयोग की शासन से अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त आज हम इस स्थिति में आ गये हैं कि मैं आपको विश्वास दिला सकता हूँ कि अगले वर्ष तक महावीर ट्रस्ट की गतिविधियों में बहुत निखार आ जायेगा। मैं इस सबके लिए अपना वरदहस्त प्रदान करने वाले माननीय श्री दिग्विजयसिंहजी के प्रति विशेषत: आभार ज्ञापित करता हूँ। एक बार पुन: अपने सम्मानित अतिथियों, राज्यपालजी, मुख्यमंत्रीजी, महावीर ट्रस्ट के ट्रस्टियों, जिला एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों नगर के बुद्धिजीवियों, ट्रस्ट की प्रबन्धकारिणी के सभी सदस्यों का मैं हृदय से स्वागत करता हूँ। बधाई सुप्रसिद्ध पत्रकार, लेखक एवं अनुवादक आचार्य अशोक सहजानन्द, दिल्ली को अन्तर्राष्ट्रीय जगत में चर्चित पत्रिका 'मिस्टिक इंडिया' का सम्पादक मनोनीत किया गया है। ज्योतिष, योग, ध्यान, दैविक विज्ञान, परा - अपरा विद्याओं से सम्बन्धित यह द्विमासिक पत्रिका अंग्रेजी तथा हिन्दी की संयुक्त द्विभाषी पत्रिका है। इस नवीन नियुक्ति पर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की ओर से हार्दिक बधाई। 120 अर्हत् वचन, 15 (3), 2003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526559
Book TitleArhat Vachan 2003 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2003
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size12 MB
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