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________________ टिप्पणी - 3 1 अर्हत् वचन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर) कृषि, पशु, जन स्वास्थ्य के लिये एक चेतना प्रदायी क्रिया अग्निहोत्र क्रिया -मन्मथ पाटनी* इस टिप्पणी के लेखक श्री मन्मथ पाटनी प्रेस्टीज ग्रुप ऑफ कम्पनीज के वाइस प्रेसिडेट है, साथ ही Food Technology में M.Sc. करने के साथ ही U.S.A, से Low Cost Higher Nutrition Foods में डिप्लोमा प्राप्त है। उच्च गुणवत्ता के साथ पदार्थों के निर्माण का आपको दीर्घकालिक व्यावसाधिक अनुभव है। मंत्र शक्ति से हम सब परिचित हैं। जैन धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है। मंत्र शक्ति से सिर्फ मनुष्य ही नहीं, पशु और कृषि पर भी असर होता है और इसका विशेष उदाहरण है 'अग्निहोत्र प्रक्रिया। क्या आज बिना रासायनिक खाद, बिना जैविक खाद, बिना कीटनाशक दवाईयों के भरपूर खेती की फसल प्राप्त की जा सकती है? क्या बिना किसी प्रकार की दवाईयों के दीर्घ स्थाई, पुराना अस्थमा रोग ठीक हो सकता है? क्या ज्यादा उन्मादी गाय, भैंस इत्यादि जानवर ठीक किये जा सकते है? जी हाँ, यह सब संभव है - कृषि, पशु, जन स्वास्थ्य सभी के लिये चेतना पदायी उपयोगी दिया प्रतिदिन अग्निहोत्र का करने से। आस्ट्रेलिया से आई श्रीमती एस से मैंने छा कि आपने अग्निहोत्र को कैसे अपनाया? श्रीमती एन ने बताया कि उनके पति श्री ब्रश को बयान से सस्यमा था और यह अस्थमा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। दुनिया भर के इलाज करवा चुके श्री ब्रश ने अग्निहोत्र के बारे में सुना और अगले दिन से अमिहोत्र के समक्ष बैठना शुरू किया। उन्होने पाया कि कुछ दिनों में ही उनका अस्थमा क्षीण होता चला गया और तीन माह की अवधि में बिल्कुल ही समाप्त हो गया। श्री बुश अब एकदम स्वस्थ होकर जीवन का आनंद ले रहे है। अब वे सबकुछ छोड़कर अग्निहोत्र के लिये पूर्णत: समर्पित हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन अग्निहोत्र के स्वयंसेवक के रूप में दे दिया है। पहले तो मुझे स्वयं विश्वास नहीं हो रहा था। सोचा चलो एक प्रयोग करने में क्या नुकसान है। गत वर्ष सोयाबीन की फसल पर देवास व महू स्थित प्रेस्टीज ग्रुप के फार्म पर प्रयोग किया और पाया कि बिना किसी तरह की रासायनिक खाद के, कीटनाशक दवाईयों के या किसी भी तरह के जैविक खाद के उपयोग के सायाबीन की फसल औसत पैदावार से डेढ गुनी हुई। विश्व में इस तरह के प्रयोग ई स्थानों पर किये गये है। विभिन्न देशों की सरकारों से, विशेषज्ञों से प्रामाणिकता सिद्ध हुई है। विश्व पर्यावरण को सुधारने का काम, विश्व में शाति लाने का कार्य और विश्व में अहिंसक खेती का कार्य प्रारभ हआ है। भारत में भी ये प्रयोग कई स्थानों पर किये जा रहे है। आइये ! जाने, अग्निहोत्र क्या है? यज्ञ शास्त्र - प्रकृति में विद्यमान विविध चक ऊजो साल चक्र, ऋतु चक्र, जीवन चक्र सृष्टि के नियमानुसार कार्य करती हैं, इसीलिये ॥२॥ विश्व में व्यवस्था बनी हुई 91 पईत वान 14tai 2002 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526556
Book TitleArhat Vachan 2002 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2002
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size9 MB
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