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'आचार्य कुन्दकुन्द' एवं 'आचार्य उमास्वामी' पुरस्कार समर्पित
गत 28 अप्रैल 2002 को राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यानन्दजी के मंगल सान्निध्य एवं पूर्व लोकसभाध्यक्ष श्री शिवराज पाटिल के मुख्य आतिथ्य में अ.मा. आयुर्विज्ञान संस्थान के जवाहरलाल नेहरू सभागार में प्राकृत भाषा के क्षेत्र में विशेष कार्य हेतु डा. नामवरसिंह को आचार्य कुन्दकुन्द पुरस्कार तथा संस्कृत भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रो. वाचस्पति उपाध्याय को आचार्य उमास्वामी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों का संयोजन कुन्दकुन्द भारती, दिल्ली द्वारा किया जाता है।
पुरस्कृत मनीषी विद्वानों को कुंदकुंद ज्ञानपीठ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई ।
वाग्भारती पुरस्कार 2000 एवं 2001 की घोषणा
युवा विद्वानों व नव प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की मूल भावना से स्थापित वाग्भारती पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। वर्ष 2000 का वाग्भारती पुरस्कार डॉ. उज्जवला सुरेश गौसवी (जैन), औरंगाबाद को तथा वर्ष 2001 का पुरस्कार पं. पवनकुमार जैन 'दीवान' शास्त्री, मुरैना को प्रदान करने का निश्चय किया गया है। पुरस्कार में रू. 11, 111 / की नगद राशि प्रतीक चिन्ह, अभिनन्दन पत्र वस्त्र आदि भेंट किया जाता है। इसकी स्थापना डॉ. सुशीलकुमार जैन, मैनपुरी द्वारा वर्ष 1998 में पूज्य मुनि श्री प्रज्ञासागरजी मुनि श्री प्रसन्नसागरजी महाराज के सान्निध्य में की गई थी। वर्ष 98 का पुरस्कार पं. शैलेन्द्र जैन, बीना तथा 99 का पुरस्कार डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर को प्रदान किया गया था। डॉ. श्रीमती उज्जवला गौसवी को यह पुरस्कार पू. मुनि श्री प्रज्ञासागरजी महाराज के सान्निध्य में श्रुत पंचमी पर्व पर रांची में तथा पं. पवनकुमारजी जैन को यह पुरस्कार 1 सितम्बर को प्रदान किया गया।
वर्ष 2002 के लिये नाम पुनः सादर आमंत्रित है। विद्वान की आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये तथा वे पर्व पर प्रवचनार्थ अवश्य जाते हो ।
■ डॉ. सौरभ जैन, मंत्री वाग्भारती ट्रस्ट, मैनपुरी
डॉ. महावीर राज गेलरा महादेवलाल सरावगी आगम मनीषा पुरस्कार से सम्मानित
तेरापंथ श्वेताम्बर जैन धर्मसंघ के यशस्वी आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की पावन सन्निधि में 21 जनवरी 2002 को जैन विश्व भारती संस्थान के पूर्व कुलपति तथा जैन दर्शन एवं विज्ञान के प्रख्यात विद्वान प्रो. एम. आर. गेलरा को रू. 51,000 = 00 के महादेवलाल सरावगी जैन आगम मनीषा पुरस्कार 2002 से सम्मानित किया गया । डॉ. गेलस को यह पुरस्कार जैन आध्यात्मिक साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रदान किया गया।
प्रो. के. के. जैन, बीना
अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन शाकाहार पुरस्कार 2000 से सम्मानित
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शासकीय महाविद्यालय बीना में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक एवं एन.सी.सी. अधिकारी प्रो. (मेजर) के. के. जैन को शाकाहार के प्रचार प्रसार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु वर्ष 2000 के अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन पुरस्कार 2000 से सम्मानित किया गया। बधाई
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अर्हत् वचन, 14 (23), 2002
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