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________________ अहत् वचन पुरस्कार वर्ष 13 (2001) की घोषणा । कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा मौलिक एवं शोधपूर्ण आलेखों के सृजन को प्रोत्साहन देने एवं शोधार्थियों के श्रम को सम्मानित करने के उद्देश्य से वर्ष 1990 में अर्हत् वचन पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। इसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष अर्हत् वचन में एक वर्ष में प्रकाशित 3 श्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाता है। वर्ष 2001 के चार अंकों में प्रकाशित आलेखों के मूल्यांकन के लिये एक त्रिसदस्यीय निर्णायक मण्डल का निम्नवत् गठन किया गया था - 1. प्रो. ए. ए. अब्बासी पूर्व कुलपति - देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर बी-417, सुदामा नगर, इन्दौर - 452 009 2. प्रो. गणेश कावड़िया प्राध्यापक - अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, दे.अ.वि.वि, ए-3, विश्वविद्यालय आवासीय परिसर, खण्डवा रोड़, इन्दौर - 452017 3. श्री सरजमल बोबरा सदस्य - संपादक मंडल, अर्हत् वचन, 9/2, स्नेहलतागंज (श्रम शिविर के पीछे), इन्दौर निर्णायकों द्वारा प्रदत्त प्राप्तांकों के आधार पर निम्नांकित आलेखों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु चुना गया है। ज्ञातव्य है कि पूज्य मुनिराजों, आर्यिका माताओं, अर्हत् वचन सम्पादक मंडल के सदस्यों एवं विगत पाँच वर्षों में इस पुरस्कार से सम्मानित लेखकों द्वारा लिखित लेख प्रतियोगिता में सम्मिलित नहीं किये जाते हैं। पुरस्कृत लेख के लेखकों को क्रमश: रुपये 5000/-, 3000/- एवं 2000/- की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया जायेगा। प्रथम पुरस्कार : Solar System in Jainism and Moderm Astronomy, 13 (1), January 2001. Dr. Rajmal Jain, 45, Adarsh Colony Pulla, P.B. 24, Udaipur (Raj.) द्वितीय पुरस्कार : Jainism Abroad, 13(1), January 2001. Sri Satish Kumar Jain, Secretary General - Ahimsa International, C-III/3129, Vasant Kunj, New Delhi. तृतीय पुरस्कार : जैन धर्म में आस्रव तत्त्व का स्वरूप, 13 (3-4), जुलाई - दिसम्बर 2001. डॉ. मुकुलराज मेहता, रिसर्च साइंटिस्ट, 'सी' दर्शन एवं धर्म विभाग काशी हिन्दू वि.वि., वाराणसी (उ.प्र.) निकट भविष्य में पुरस्कार समर्पण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। देवकुमारसिंह कासलीवाल डॉ. अनुपम जैन अध्यक्ष कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर मानद सचिव अर्हत् वचन, 14 (1), 2002 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.526553
Book TitleArhat Vachan 2002 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2002
Total Pages108
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size7 MB
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