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________________ अहिंसा इन्टरनेशनल वर्ष 1999 पुरस्कार समर्पण समारोह सम्पन्न नई दिल्ली। अहिंसा इन्टरनेशनल के वर्ष 1999 के वार्षिक पुरस्कार माँ श्री कौशलजी के सान्निध्य में कमानी सभागार, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में भेंट किये गये। सामरोह के मुख्य अतिथि श्री विष्णु हरि डालमिया थे। अध्यक्षता पूर्व सासंद श्री डालचन्द जैन, सागर ने की। इस अवसर पर पद्मभूषण से सम्मानित प्रख्यात सरोदवादिका श्रीमती शरन रानी बाकलीवाल तथा गांधीवादी लेकक पद्मश्री डा. यशपाल जैन का कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट्. की उपाधि प्रदान करने पर अभिनन्दन किया गया। वार्षिक समारोह पर निम्न प्रख्यात विद्वानों एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किये गये - 1. अहिंसा इन्टरनेशनल डिप्टीमल आदीश्वरलाल जैन साहित्य पुरस्कार डॉ. के. आर. चन्द्रा (अहमदाबाद) प्राकृत भाषा में शोध एवं संशोधन के लिये। 2. अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन शाकाहार पुरस्कार डॉ. (कुमारी) अर्चना जैन, सागर। 3. अहिंसा इन्टरनेशनल रघुवीरसिंह जैन जीवरक्षा पुरस्कार सुश्री रश्मि शर्मा, नई दिल्ली। 4. अहिंसा इन्टरनेशनल प्रेमचन्द जैन पत्रकारिता पुरस्कार डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर, अर्हत् वचन के कुशल सम्पादक, प्रसिद्ध जैन गणितज्ञ, वक्ता एवं सभा संयोजक। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक महासचिव श्री सतीशकुमार जैन ने वैशाली (बिहार) में भगवान महावीर की विशाल प्रतिमा स्थापित करने बर बल दिया। उन्होंने घोषणा की कि जैन धर्म पर सम्पूर्ण पुस्तक लिखने वाले विद्वान को इक्यावन हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। विदुषी माँ श्री कौशलजी ने अपने प्रवचन में अहिंसा और प्रेम को एक दूसरे का पर्यायवाची बताया। समारोह के आयोजन में संस्था के सचिवों श्री प्रवीणकुमार जैन एवं श्री प्रदीपकुमार जैन का सरहानीय योगदान रहा। मंच संचालन श्रीमती त्रिशला जैन ने किया। - सतीशकुमार जैन, महासचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दि. जैन हाईस्कूल, नवलखा को रु. 25000/- का पुरस्कार श्री दिगम्बर जैन हाईस्कूल, नवलखा - इन्दौर को माध्यमिक शिक्षा मंडल (म.प्र. भोपाल) द्वारा विगत वर्षों में सर्वोच्च परीक्षा परिणाम पर रु. 25,000/- की राशि का पुरस्कार प्रदान किया गया। ___ इस हेतु आयोजित एक समारोह में सभी शिक्षकों के प्रतीक स्वरूप एवं संस्था के प्रतिनिधि के रूप में विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सुषमा शर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आंचलिक शिक्षा अधिकारी श्री रवीन्द्रसिंहजी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि राशि का कोई महत्व नहीं, संस्था को सम्मान प्राप्त हुआ, यह अधिक महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था के अध्यक्ष श्री निर्मल कासलीवाल ने कहा कि यह व्यक्ति का नहीं समस्त शिक्षकों द्वारा टीम भावना से संस्था के लिये समन्वित समर्पण एवं प्रयास का सम्मान है अत: सभी शिक्षक बधाई के पात्र हैं। 92 अर्हत् वचन, अप्रैल 2000
SR No.526546
Book TitleArhat Vachan 2000 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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