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"सर्वोदय शिक्षा मनोविज्ञान' विषय पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी
धर्म दर्शन विज्ञान शोध संस्थान बड़ौत / जयपुर द्वारा दिगम्बर जैन समाज, झाड़ोल (उदयपुर) के सहयोग से गणधराचार्य आचार्य श्री कुन्थुसागरजी के शिष्य आचार्य श्री कनकनंदी के ससंघ सान्निध्य में दिनांक 19 -23 नवम्बर 99 के मध्य तृतीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी झाड़ोल जिला - उदयपुर में संपन्न हुई। आचार्य श्री कनकनंदी द्वारा रचित पुस्तक सर्वोदय शिक्षा मनोविज्ञान पर 25 मूर्धन्य विद्वानों ने विविध विषयक आलेख प्रस्तुत किये। यह आलेख जैन दर्शन में शिक्षा का स्वरूप, प्राचीन जैन ग्रंथों में निहित शिक्षा पद्धति, शिक्षा के सार्वभौम स्वरूप, छात्र असतोष, वर्तमान शिक्षा पद्धति की कमियों एवं उसमें सुधार के उपायों पर केन्द्रित थे।
संगोष्ठी का विशेष आकर्षण प्रस्तुत किये गये आलेखों में से श्रेष्ठ आलेखों का चयन कर उन्हें विशिष्ट उपाधियों तथा नगद पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना था। कुन्दकुन्द
इन्दौर से सम्बद्ध विद्वान श्री संजीव सराफ M. Lib. (सागर) को उनके शोध पत्र "वैज्ञानिक पद्धति एवं मस्तिष्क प्रकोष्ठ के विशेष सन्दर्भ में ज्ञान प्राप्ति के उपाय'' विषय पर "ज्ञानश्री' की उपाधि, रू. 9000 की नगद राशि, शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं पगड़ी से सम्मानित किया गया। उनका शोध पत्र निर्णायक मंडल द्वारा सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया।
प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों के अन्तर्गत संयुक्त रूप से श्रीमती पुष्पा जैन एवं हनुमानसिंह वर्डिया को “विद्या श्री", डा. मुकेश जैन (जबलपुर) एवं संजय जैन (जबलपुर) को "शिक्षा श्री' तथा डा. वंदना जैन (आगर - मालवा) एवं सुरूचि जैन को "विनय श्री' की उपाधियों एवं नगद पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के शिक्षामंत्री माननीय श्री भीखाभाई विशेष रूप से उपस्थित थे।
डियरराष्ट्रीयवेज्ञानिकस
श्री संजीव जैन सराफ पुरस्कार ग्रहण करने के उपरांत आचार्यश्री के सानिध्य में
अर्हत् वचन, अक्टूबर 99
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