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उद्भव भगवान महावीर से माना जाता है जो कि बिल्कुल गलत है।
__डॉ. जोशी ने कहा कि आज जैन धर्म व भगवान ऋषभदेव के ऊपर शोध व खोज की जाना चाहिये। संभव है कि कालान्तर में भगवान ऋषभदेव को ही शिव कहा जाने लगा हो। उन्होंने कहा भगवान ऋषभदेव के द्वारा की गई व्यवस्था को भूलने के कारण ही देश वर्तमान स्थिति से गुजर रहा है।
डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर ने कहा कि आज पाठ्य पुस्तकों में जैन धर्म के सन्दर्भ में जो तथ्यहीन लिखा जा रहा है उसे रोका जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि इन्दिरा गांधी खुला वि.वि. की एक पुस्तक में लिखा है कि दिगम्बर जैन धर्म में स्त्री साध्वियाँ नहीं होती हैं। यह पूर्णरूपेण भ्रामक व असत्य है। दिगम्बर जैन धर्म में भी साध्वियाँ हुई हैं एवं हो रही हैं, जिन्हें आर्यिका माताजी कहा जाता है। मंच पर विराजमान पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी इसकी मिसाल हैं।
_पीठाधीश क्षुल्लक श्री मोतीसागरजी महाराज ने 4 से 10 फरवरी 2000 तक मनाये जाने वाले भगवान ऋषभदेव निर्वाण महोत्सव के कार्यक्रम की जानकारी दी। सांसद श्री ताराचन्द पटेल, दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री टी. टी. वार्डे एवं श्रीउम्मेदमल पांड्या आदि ने भी सभा को सम्बोधित किया। मंच संचालन दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर के अध्यक्ष ब्र. रवीन्द्रकुमार जैन ने किया। इस अवसर पर अ. भा. दि. जैन महिला संगठन की पत्रिका ऋषभ देशना का विमोचन महामंत्री एवं सम्पादिका श्रीमती सुमन जैन ने कराया। श्री धनंजयकुमार जैन से लोक निर्माण विभाग, उ.प्र. के मुख्य अभियन्ता श्री धर्मवीरजी द्वारा लिखित पुस्तक पुस्तक 'जैन धर्म : मानव धर्म' का विमोचन डॉ. अनुपम जैन ने कराया।
इस अवसर पर डॉ. नीलम जैन को आर्यिका रत्नमती, श्रीमती त्रिशला जैन को रूपा बाई एवं श्रीमती अरुणा जैन 'भारती' को चन्दारानी जैन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा भगवान ऋषभदेव प्रश्नोत्तरी व णमोकारमंत्र लेखन के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। वित्त राज्य मंत्री श्री धनंजयकुमार जैन को 'जैन रत्न' की उपाधि
से सम्मानित किया गया। डॉ. अनुपम जैन 'जैन धर्म : मानव धर्म' पुस्तक का विमोचन कराते हुए।
इसके साथ गणिनी समीप हैं इंजी. श्री धर्मवीर जैन
प्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की मंगल आरती, पाद प्रक्षालन एवं पिच्छिका परिवर्तन आदि की क्रियाएँ सम्पन्न की गईं। इसी अवसर पर तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ का प्रथम अधिवेशन वयोवृद्ध जैन विद्वान पं. शिवचरनलाल जैन, मैनपुरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
ऋषभदेव जैन मेला - शुभारंभ - लालकिला मैदान, दिल्ली, 4 फरवरी 2000
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अर्हत् वचन, अक्टूबर 99