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________________ जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं (मान्य विश्वविद्यालय) ने दिनांक 28.10.99 को छतरपुर, महरौली, नई दिल्ली स्थित साधना केन्द्र में आयोजित दीक्षान्त समारोह में वर्ष 1998 में जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म तथा दर्शन विभाग से एम.ए. की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पाने के लिये कुमार अनेकान्त जैन को स्वर्णपदक से अलंकृत किया है। आपने 1998 में ही यू.जी.सी. की नेट (NET) परीक्षा उत्तीर्ण की तथा वर्ष 1999 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली ने जैन दर्शन पर अनुसंधान कार्य करने हेतु राष्ट्रीय कनिष्ठ शोध अध्येता के रूप में पाँच वर्ष के लिये पाँच हजार रुपये प्रतिमाह की राष्ट्रीय छात्रवृत्तिहेतु चयन किया है। आप जैन विश्व भारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में ही प्रो. दयानन्द भार्गव के निर्देशन में 'दार्शनिक समन्वय की दृष्टि : जैन नयवाद' विषय पर पीएच.डी. उपाधि हेतु अध्ययनरत् हैं। बधाई! श्रीमती अल्पना सर्राफ धर्मपत्नी श्री अशोक कुमार मोदी (ग्वालियर) को जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने उनके शोध प्रबन्ध 'जैन धर्म एवं गीता में कर्म सिद्धान्त : एक समाजशास्त्रीय तुलनात्मक विवेचन' पर पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की। श्रीमती सर्राफ ने यह प्रबन्ध के.आर.जी. कालेज, ग्वालियर के समाज शास्त्र के प्राध्यापक एवं अध्यक्ष डा. एम. पी. श्रीवास्तव के निर्देशन में लिखा है, जिसमें जैन धर्म एवं गीता के अन्तर्गत धर्म, कर्म, योग तथा मोक्ष आदि के समाजशास्त्रीय पहलुओं पर तुलनात्मक दृष्टि से विचार किया गया है। ज्ञातव्य है कि श्रीमती सर्राफ श्री वीरेन्द्रकुमारजी सर्राफ (चंदेरी) की सुपुत्री हैं एवं स्याद्वाद् ज्ञानगंगा की सहसम्पादिका भी हैं। महाकवि ज्ञानसागर साहित्य पुरस्कार अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद के अध्यक्ष डॉ. रमेशचन्द जैन, बिजनौर को परमपूज्य मुनि श्री सुधासागरजी महाराज ससंघ की उपस्थिति में दिनांक 26.10.99 को जैन भवन, अलवर के विशाल प्रांगण में महाकवि ज्ञानसागर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अन्तर्गत रु. 51,000 = 00 की सम्मान निधि तथा शाल, श्रीफल समर्पित किया गया। इस अवसर पर डॉ. जैन द्वारा रचित सुधासागर हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोष का विमोचन भी हुआ। 'साहू अशोक जैन परिषद श्री पुरस्कार' श्री ताराचन्द्र प्रेमी को श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी (राज.) पर आयोजित अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद के हीरक जयंती अधिवेशन में 1997 का 'साहू अशोक जैन परिषद श्री पुरस्कार' देश के प्रमुख समाजसेवी एवं गीतकार श्री ताराचन्द्र जैन "प्रेमी को प्रदान किया गया। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष साहू श्री रमेशचन्द जैन ने श्री प्रेमी जी को माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह एवं इक्यावन हजार रुपये का चेक भेंट किया। वरिष्ठ समाजसेवी श्री बलवंतराय जैन ने शाल औढ़ाकर सम्मानित किया। समाज के शीर्ष नेता स्व. साहू श्री अशोककुमार जैन ने समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये साहू जैन ट्रस्ट के अन्तर्गत इस पुरस्कार की स्थापना की थी। 70 अर्हत् वचन, अक्टूबर 99
SR No.526544
Book TitleArhat Vachan 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year1999
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size5 MB
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