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________________ जैसे मैं जन्म लेने वाला हूँ, ये वनस्पति आदि भी जन्म धारण करने वाले हैं, मैं बढ़ने वाला हूँ, ये भी बढ़ने वाले हैं, मैं भी सजीव हूँ, ये भी सजीव हैं, मैं भी कष्ट पहुँचाने पर कष्ट का अनुभव करता हूँ ये भी अनुभव करते हैं, इत्यादि कथन सादृश्यता के साथ यह जागृति प्रदान करता है कि यदि ऐसा न हो, या केवल अपने आप को सर्वोपरि मानता रहें तो विश्व, विश्व नहीं रहेगा। "विभज्जमाणां अणेमतो' । (सं. सू. 14 ) अर्थात् परस्पर विभज्यमान / सापेक्ष्य कथन करना अनेकांत है, एक दूसरे को जीवन दान देना इसकी प्रमुखता विशेषता है। अनेकांत की सापेक्ष्य दृष्टि में पर्यावरण की समग्र दृष्टि है, यदि सापेक्ष्य दृष्टि, निरपेक्ष्य हो जाती है या उच्छेदवादी / नाशवादी हो जाती है, तो सापेक्ष्य दृष्टि फलीभूत नहीं हो सकती। खेत बोना, खेती करना, कृषक का कर्त्तव्य है, उसके साथ उसका संरक्षण, संवर्धन, उसकी सुरक्षा आदि भी उसके साथ जुड़ी हुई है। फसल चाहिए तो उसका संरक्षण भी करना होगा। अर्थात् विधि व निषेध दोनों ही कार्य करना होंगे। अनेकांत के घटक में सार्वभौमिकता है अतः इसकी प्रस्तुति पर विचार करने से सृष्टि ही सृष्टि है। अनेकांत की विचारधारा में विश्व की जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान हैं, आप जो कहते हैं, वह भी ठीक है और दूसरे जो कहते हैं, वह भी ठीक है । एक के कहने में किसी अपेक्षा का बोध होता है और दूसरे के कथन करने में भी किसी पक्ष का समावेश होता है। अतः प्रत्येक का कथन, वचन, व्यवहार, कुटुम्ब परिवार, समान देश राष्ट्र आदि के विकास में सहकारी है। जो विकास या समन्वयात्मक दृष्टिकोण है, वही जीवन का विज्ञान है। इसका जीवन दर्शन "जीवाणं रक्खंण" पर केंद्रित है। प्राप्त 'इमंपि जाइधम्मय, एयंपि जाइधम्मयं, इमं बुडिधम्मयं एयंपि बुडिधम्मयं, इमपि चित्तमंतयं, इमंपि चित्तमंतये, इमपि छिन्नं मिलति एयंपि छिन्नं मिलति ।' - 4.7.97 अर्हत् वचन, अक्टूबर 99 जैन विद्या का पठनीय षट्मासिक JINAMANJARI Editor S.A. Bhubanendra Kumar Periodicity Bi-annual (April & October) Publisher Brahmi Society, Canada-U.S.A. Contact S.A. Bhuvanendra Kumar 4665, Moccasin Trail, MISSISSAUGA, ONTARIO, canada 14z2w5 39
SR No.526544
Book TitleArhat Vachan 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year1999
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size5 MB
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