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महाभारतकालीन भारत
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ऋषिक सभ्यता के अम्बस्य के सिधसभ्यताकाक्षेत्र जिसे शतिहासकारों Kीतरपालान लिया समापन DALमोकानेही संभावना
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पाण्डचण मेनीमा पहचाना नजारा
बहक्षेत्र जिसनेमण चित्मना अस्तित्व महाभारत पार मेल-निकेRANCE
वाली माध्यम से सिंघुलभाना कनपिनका प्रयास किया गयाथा ऐसे लगतामा तक्षशिष्ठा को समर्पिमिसभ्यहाक्षेत्र में नहीं पहचानागया किंतुसेवा निकटता के कारण अमणसंघ का अस्तित्व सनात्वीक संपों के आधार
पर समकाजासामना ऐसा लगता हैसिधुसभ्यता और श्रमण संघका अस्तित्व समानार्थ
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अर्हत् वचन, अक्टूबर 99