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श्री साहू रमेशचन्द जैन द्वारा विद्यासागर इन्स्टीट्यूट का निरीक्षण
सम्पूर्ण राष्ट्र एवं जैन समाज के शीर्षस्थ एवं वरिष्ठतम नेता श्री साहू रमेशचन्द जैन, कार्यपालिक संचालक - टाइम्स ऑफ इण्डिया, न्यू देहली, श्री बी. आर, जैन, अध्यक्ष - भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद, श्री उम्मेदमलजी पांड्या-नई दिल्ली, राष्ट्रीय कवि एवं साहित्यकार श्री ताराचन्द्र प्रेमी- गढगांव ने 14 जून 99 को विद्यासागर इन्स्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेन्ट, भोपाल का निरीक्षण किया। इस अवसर
श्री साहू रमेशचन्द्र जैन एवं श्री ताराचन्द्र प्रेमी को छात्रावास का माडल दिखाते हुए
संस्थान के संचालक डॉ. डी. व्ही. जैसवाल पर संस्थान के महामंत्री श्री महेन्द्रकुमार जैन सूत वाले, श्री सुरेश जैन, आई.ए.एस., श्री ए. के. जैन, अपर आयुक्त, श्री डी. व्ही. जैसवाल, संचालक एवं महावीर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष श्री शरद जैन उपस्थित थे। श्री सुरेश जैन, श्री एस. के. जैन एवं डॉ. डी. व्ही. जैसवाल ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया और उन्हें संस्थान की प्रगति की जानकारी दी।
श्रीमती सरोज जैन को पीएच.डी. उपाधि सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग की शोधछात्रा श्रीमती सरोज जैन ने 14वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अपभ्रंश कवि लखमदेव की महत्त्वपूर्ण अप्रकाशित अपभ्रंश रचना पर 'णेमिणाहचरिउ का सम्पादन एवं सांस्कृतिक अध्ययन' शीर्षक से शोधप्रबन्ध प्रस्तुत कर 1999 में पीएच.डी. उपाधि प्राप्त की है। श्रीमती जैन हिन्दी साहित्य और प्राकृत साहित्य में एम.ए. हैं। आपने अपना यह शोधकार्य प्राकृत के विद्वान डॉ. उदयचन्द जैन के निर्देशन में सम्पन्न किया है। श्रीमती सरोज जैन ने अपभ्रंश भाषा की एक अज्ञात और अप्रकाशित पाण्डुलिपि णेमिणाहचरिउ का सम्पादन और उसका राष्ट्रभाषा हिन्दी में अनुवाद प्रस्तुत कर जैन साहित्य की सेवा की है। आप जैनविद्या के मनीषी प्रो. प्रेमसुमन जैन की पत्नी और श्री जवाहर जैन शिक्षण संस्था, उदयपुर में अध्यापिका हैं।
डॉ. कल्पना जैन, भोपाल
अर्हत् वचन, जुलाई 99
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