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प्रकाशक : जैन विश्वभारती प्रकाशन, राजस्थान, लाडनू, प्रथम आवृत्ति, १९७४. (३७) सत्य की खोज : मुनि नथमल, प्रकाशक : जैन विश्वभारती प्रकाशन, राजस्थान, लाडनू, प्रथम आवृत्ति, १९७४.
(३८) भगवान महावीर : आचार्य तुलसी, प्रकाशक : जैन विश्वभारती प्रकाशन, राजस्थान, लाडनू, प्रथम आवृत्ति, १९७४.
(३९) जैन धर्म और भगवान महावीर डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, प्रकाशक: सिंधई खन्तीलाल राधाबाई जैन ट्रस्ट, इन्दौर, प्रथम आवृत्ति, १९७५. (४०) भगवान महावीर : विराट, जयपूर, प्रकाशक : अनुपम प्रकाशन, जयपूर, प्रथम आवृत्ति, १९७५.
(४१) महावीर वाणी : संक. रूपांतरकार, डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, प्रकाशक: वीर सेवा मंदिर ट्रस्ट प्रकाशन, वाराणसी, प्रथम आवृत्ति, १९७५. (४२) तीर्थंकर महावीर एक अध्ययन से महेन्द्रकुमार फुसकेले, प्रकाशक: जनता प्रेस प्रकाशन, परकोटा, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति, १९७५.
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(४३) श्रमण महावीर : ले. मुनि नथमल, प्रकाशक : जैन विश्वभारती प्रकाशन, राजस्थान (लाडनू), प्रथम आवृत्ति, १९७४.
(४४) तीर्थंकर वर्धमान महावीर : ले. श्री मधुकर मुनि रतन मुनि चंद्रसुराना 'सरस', प्रकाशक : वीर निर्वाण ग्रंथ प्रकाशन समिति, इंदौर (मध्यप्रदेश), प्रथम आवृत्ति, १९७४.
પ્રબુદ્ધ જીવન
१९७४.
(५४) वर्धमान जीवन कोश: संपा. बांठिया मोहनलाल चोरडिया श्रीचन्द, प्रकाशक: जैन दर्शन समिति, कलकत्ता, प्रथम आवृत्ति, १९८०. (५३) मानवता के मंदराचल भगवान महावीर : जमनालाल जैन, प्रकाशक
: वर्धमान प्रकाशन, प्रथम आवृत्ति, १९७५.
(५५) भारत पर भगवान महावीर का असीम उपदेश : विनोबा भावे, संपा. त्रिपाठी रुद्रदेव, प्रकाशक दशपुर साहित्य संवर्धन संस्थान, मन्दसौर (म. प्र. ) प्रथम आवृत्ति, १९६४.
(५६) बुद्ध और महावीर तथा दो भाषण : किशोरलाल मशरूवाला, अनु. जैन जमनालाल, प्रकाशक : भारत जैन महामंडल, वर्धा, प्रथम आवृत्ति, १९५०. (५७) श्री महावीर पुराण : नंदलाल जैन 'विशारदजी' संपा. प्रकाशक : जैन पुस्तक भवन, कलकत्ता, प्रथम आवृत्ति.
(५८) ढाई हजार वर्षों में श्री भगवान महावीर स्वामी की विश्व को देन : संपा. देशभूषणजी, श्रीमती मुन्नादेवी, लाला राजेन्द्र प्रसादजी, दिल्ही, प्रथम आवृत्ति. (५९) भगवान महावीरना युगनी महादेवीओ : सुशील, प्रकाशक : जैन आत्मानंद सभा, भावनगर, प्रथम आवृत्ति,
१९४६.
संस्कृत
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(१) बुद्धारण्यकोपनिषदृष्टा वार्तिक ले. सुरेश्वर टी. का आनन्दगिरि, प्रकाशकः महादेव द्विमाणाजि आप्टे, पूना, प्रथम आवृत्ति, १८९४.
मार्च २०१०
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(२) काव्यमाला - ७ : प्रकाशक : निर्णयसागर, मुंबई, प्रथम आवृत्ति, १९०७. (३) महावीर पूजा (न्याय कुसुमाग्नामि प्रकरणम्) ले न्याय विजयजी, प्रकाशक : लक्ष्मी प्रिन्टिंग प्रेस, अहमदाबाद, प्रथम आवृत्ति, १९०२. (४) संभतितर्क प्रकरण व्याख्या तत्त्वबोधविद्याचिन्या : ले. सिद्धसेन दिवाकर व्या. का. अभयदेव सूरि संपा. संघवी सुखलाल, प्रकाशक : गुजरात पुरातत्त्व
(४५) भगवान महावीर का जीवन : ले. पंडित सुखलालजी संघवी, प्रकाशक: जैन कल्चरल रिसर्च सोसायटी, बनारस, प्रथम आवृत्ति. (४६) चितेरों के महावीर : डॉ. प्रेमसुमन जैन, प्रकाशक मंत्री अमर जैन मंदिर, अहमदाबाद, प्रथम आवृत्ति, १९२८.
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साहित्य संस्थान, उदयपुर, प्रथम आवृत्ति, १९७५. (४७) जैन धर्म और भगवान महावीर डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, प्रकाशक : डॉ. जी. सी. जैन सिंघई खुन्तीलाल राधाबाई जैन ट्रस्ट, इन्दौर, प्रथम आवृत्ति, १९७५.
(६) त्रिषष्ठिशलाकापुरुषचरित्र महाकाव्यम् भा. २, पर्व १० मुं : हेमचंद्राचार्य, प्रकाशक : जैन धर्म प्रचार समिति, भावनगर, प्रथम आवृत्ति, १९६५.
प्रकाशक : मनसुखभाई माणेकलाल, प्रथम आवृत्ति, १९२८.
(४८) अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर भाग - १ : ले. वीरेन्द्रकुमार जैन, (७) न्याय खंडाद्यपरनाम महावीर स्तव प्रकरण : ले. यशोविजय गणि, प्रकाशक : श्री वीर निर्वाण ग्रंथ प्रकाशन समिति, इन्दौर, प्रथम आवृत्ति, १९७४. (४९) चरम तीर्थंकर श्री महावीर विजय विद्याचंद्र सूरि, संपा. जोशी मदनलाल, प्रकाशक : राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय, राजगढ, प्रथम आवृत्ति, १९७५. (५०) भगवान महावीर : ले. मालवणिया दलसुख, प्रकाशक : जैन संस्कृति संशोधन मंडल, वाराणसी, प्रथम आवृत्ति.
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(५१) भगवान महावीर और मांसनिषेध ले. आत्मारामजी प्रकाशक : अमरनाथ, लुधियाना, प्रथम आवृत्ति, १९५७.
(५२) भगवान महावीर और उनका तत्त्वदर्शन : ले. देश भूषणजी, प्रकाशक : जैन साहित्य समिति एस्प्लेनेड रोड, दिल्ही, प्रथम आवृत्ति, १९७३. (५३) वीर वर्धमान चरितम् : ले. डॉ. हीरालाल जैन, प्रकाशक: भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ही, प्रथम आवृत्ति,
(५) महावीर तत्त्व प्रकाश : ले. विजय केशर सूरि, प्रकाशक : विजय कमल केशर ग्रंथमाला, प्रथम आवृत्ति, १९२७.
(८) महावीर चरितम् (अनुवाद टिप्पण) भवभूति, संपा. टोडरमल, प्रकाशक : पंजाब यूनिवर्सिटी, लाहोर, प्रथम आवृत्ति, १९२८.
(८) श्रमण भगवान महावीर : ले. कल्याण विजयजी गणि, प्रकाशक : श्री कल्याण विजयजी शास्त्र संग्रह समिति, मारवाड, प्रथम आवृत्ति, १९४२. (९) जैन महावीर गीता : ले. बुद्धिसागर सूरीश्वरजी, प्रकाशक : जयभिख्खु साहित्य प्रकाशन ग्रंथमाला, अहमदाबाद, प्रथम आवृत्ति, १९६८.
उदधाविव सर्वसिन्धव; समुदीर्णास्त्वयि सर्वदुष्टयः ।
न च तासु भवानुदीक्ष्यते, प्रविभक्तासु सरित्स्विवोदधिः ।। - द्वात्रिंशि४-१५
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(१०) अल्पबहुगर्भित श्री महावीर स्तवनम् सत्त्वचूरिकं महादण्डक स्तोत्रापरपर्वा चाल्य बहुत्व विचार स्तवनम् : ले. समय सुन्दर गणि, प्रकाशक: श्री आत्मानंद सभा, भावनगर, प्रथम आवृत्ति, १९१४.
प्राकृत, अर्धमागधी, राजस्थानी और अन्य पुस्तकें :
જૈમ સમુદ્રમાં બધી નદીઓ મળે છે, એવી જ રીતે તમારા દર્શનમાં તમામ દૃષ્ટિઓ મળે છે, ભિન્ન ભિન્ન દ્રષ્ટિઓમાં તમે દેખાતા નથી, જેમ, નદીઓમાં સમુદ્ર દેખાતો નથી.
(१) प्रकरण रत्नकर भाग - २ (अधर्मागधी) : प्रकाशक : श्रावक भीमसिंह माणेक, मुंबई, प्रथम आवृत्ति, १८७६.
(२) प्रकरण रत्नकर भाग-३ (अधर्मागधी) : प्रकाशक : श्रावक