________________
...प्रभुद्धन
...
त०१४-१-3
અખિલ ભારતવર્ષીય પોરવાલ સમેલન અપીલપર સમ્મતિ.
गत १५-११-३२ को समाज सुधारक हितैषी, श्री. , सरेमल धूडाजी अगवरी । समरथमलजी सिंधीजीने पोरवाल महा सम्मेलन भरनेके लिये ...,, नवलमल दानाजी, वेलांगरी। . एक निवेदन प्रगट किया है, उस विषयमें हम नीचे लिखे , शंकरलाल हिन्दूजी, , .. सही करनेवाले बड़े मानपूर्वक अपनाते हुए साथ २ अपनी .., वरदीचंद धूडाजी, कलापरी
, सम्पत्ति प्रगट करते है।
,, शोकलचंद धूडाजी, सिआणी पोरवाल महा सम्मेलन यह शब्द "श्वेताम्बर जैन' पत्रके , पुनमचंद धनाजी, मनोडा अकमें पढते ही बडी प्रसन्नता हुई। इस समाज का अबतक
“ आवश्यक
आवश्यकता " ... कोइ सम्मेलन ही नहीं हुआथा । आज हमारे उत्साही नव युवकनें सम्मेलनकी आवश्यक्ता बताते हुए जो निवेदन किया
श्री श्वेताम्बर जैन कन्या पाठशाला मु. गुढाबालोतरा है। वह मानो समाजके अन्धकार को दूर करनेकी किरण
(मारवाड) के वास्ते एक सुयोग्य अध्यापिका कि जो जैन मूर्ती निकली है।
पूजक हो व उन्की उम्र कमसे कम ३५-४० वर्षकी हो, पोस्वाल भाइयो। कृपाकर आप इसकी और ध्यान दें,
विचारशील हो । जो हिन्दि, गणीत, व धार्मिक विषयमें पंच गतांकमें आपने सिधीजीका निवेदन पढा होगा, उसमे अपने
प्रतिक्रमण, जीवविचार, एवं सीना,पोना, गूथेना, आदि उद्योसे अपील की है, उन्होंने कितनी बातों पर ध्यान खींचा है.
गीक विषयकी जानकर हो, आगे किस जगह पढाती थी उलपर ध्यान देना जरुरी है। तमाम पोरवालभाई अपने २.
सो भी लिखे, वेतन योग्यतानुसार दिया जायगा। 'गांवकी सहीसे, अपनी सम्मति वर्तमान पत्रों में प्रगटकरे ।
शाह एस. टी. पोरवाल, भ्रमात्रा सुहाग - हमारी सम्मति यह है कि, "पोरवाल सम्मेलन' जरुरी
..- संचालक श्री. सेवा समिति नव युवक मण्डल मिलना चाहीये । मिलना कहां? तो उत्तरमै मालुम हो. स्थल , मु. पो. गुढाबालात्तरा, स्टेशन एरणपुरा रोडं (मारवाड) पवित्र भूमि बामणवाडजीमे झंडा और चैत्र मासमें तिथि मुकरर करे तो, अति सुभीता है। एक वक्त भगवान महावीर
विद्वानाने भुश सम२.. देवने इस स्थल पर 'बहारकर भूमि . पवित्र कीथी, इसीसे हम आज तक इस जगहको पवित्र . तीर्थ मानते आये है, आर • भगवान महावीरका जन्म इस चैत्र मासमें ही हुआथा, और (न्यायन अपूर्व ) तीन लोकके अन्धकारमें प्रकाश चमक उठा था, इन्हीं चिर
नीलांना समयथा राव नेवाः सीली भने । स्मरणीय पवित्र दिनों में अन्धकार भगानेकों प्रकाशरूपी 'प्रस्ताव
; કલકત્તા, મુંબઈ અને બીજી અનેક યુનિવર્સિટીના ગ્રેજ્યુએટના बहार पंडें तो, समाज बचशके, जिसमें सन्देह नहीं। हालतो
કોર્સમાં ન્યાય પ્રથમામાં, અને એજ્યુકેશન બોર્ડમાં દાખલ થયેલ છે, हम अपन भाइयाँसे यह निवेदन करते है कि तुरत ही अपने
ते न्यायका अद्वितीय श्रेय "प्रमाणनयत-स्वालोक' (भाय२. ग्रामसे तमाम सजनोकी सही लेकर उपरोक्त महाशयजी के
તત્ત્વાકાલંકાર) કે જેને ન્યાયશાસ્ત્રના ધુરંધર વિદ્વાન વાદિनिवेदन की मान पूर्वक पुष्टि करें, यही हमारी आग्रह पूर्वक विनति हैं।
દેવસૂરિએ બનાવેલ છે. તે સરલ અને સુંદર બાલબાધિની નામની
તદ્દન નવી અપ્રસિદ્ધ ટીકા સાથે થોડા સમયમાં બહાર પડશે. शा. मंखालाल हंसराजजी, देलेन्दर.
આ ગ્રંથને ન્યાય-કાવ્યતીર્થ, તકલકાર મુનિરાજશ્રી હિમાંશુशंकरलाल मनरुपजी, वराडा.
વિજયજીએ એડીટ કરેલ છે અને જેમાં નેટ, પાઠાંતર, અનુ... जवेरचन्द बनाजी, , ,, चमनलाल रुपाजी, ,,
ક્રમણિકા આદિ આપી પ્રસ્તાવનામાં ગ્રંથ, ગ્રંથકાર અને જન , कपुरचन्द मनरुपजी, जावाल
ન્યાયના વિષયમાં સારે પ્રકાશ પાડે છે. અઠાવીશ રતલી સુંદર केशरीमल पन्नाजी, ,
કાગળમાં, ક્રાઉન સળગેજી સાઈઝમાં લગભગ સવાબસે પુટના " फूलचन्द बीसाजी, बरलूट
घणार अंथना हिमत. मात्र . .-१४-१ यासाना छे. ., रघुनाथजी रतनचन्द,.,.
પિસ્ટેજ અલગ. ,, एल. देवीचन्द जैनी, करनूल
भगवानुआ :- , एल. डी. जैनी कालन्द्री ...
- મેસસ એ. એમ. એન્ડ કું.) શ્રીવિજયધમ સરિગ્રંથમાળા , देवीचंद कपूराजी ,
भुपालीता.
छोटा शा .. ,, केसरीमल हिन्दूजी, पाडिव
... ( आप) ). . Gork (भval)
•
.
Printed by Laljj Harsey. Lalan at Mahendra Printing Press, Gaya Building Masjid : Bunder Road Bombay, 3x and Published by Shivlal Jhaverchand Sanghvi for
Jain Yuvak Sangh. at 26-30, Dhanji Street Bombay, 3.
HEREFO
R
MSAB