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પ્રબુદ્ધ જૈન "
त०१०-१२-३२.
- ५९.
म पारवान्याधी...१२सानी.. जोधपुरस्टेटमैके महकमोमें अरजी वगरा करके कन्याके
पिताकी व कन्याकी जमानत करा देना चाहिए, जिसे लडकीको ___पोरवाल जाति व ओसवाल जाति दोन जाति है. इससे हटा न सके, यदि छपके विवाह कर डाले तो उसे विवाह पोरवाल जातिकी वस्ती सिरोही, जोरा, मगरा व गोडवाड व करार नहि देना चाहिए.. महा कृष्ण ६ (मारवाडी ताथा) के सतावीश, अडतालीश,' सीलावटी व सोराइ आदि प्रान्तोमें रोज संकडो नवयुवकोको वहां पहुंच कर इस बालिकाको उद्धार खुबही है. धनमें अन्धी है, हिमतमें कमजोर है, शाह. मुलचंद करके एक नौजवान के साथ धूमधामसे टाकुरसाहिबकी अध्यक्षता जेताजी (उमर वर्ष ५० मु. अगवरी वरपक्ष) व शाह. गुलाब- व छत्रछायामें विवाह करा देना चाहिए, परन्तु इसकी सफलता चंद जेताजी (कन्याके पिता. रहवाशी गुंदला. कन्याकी उम्मर विचारशील. जातिप्रेमी, उत्साही मारवाडके ओशवाल व पोरवाल वर्ष १३) दोनोको मेंने कार्ड लिखाथा कि बेजोड विवाहकी की हीमत व हीकमत पर है. वात कहां तक सही व सच्चा है? परंतु अभी तक कोई उत्तर . युवको! सभा करके निश्चितरूपसें घोषणा कर डालोकि नहि आया, पोरवालजाति व ओशवालजाति उसी दु.खसे दुःखी यह विवाह नहि होने देगा, मैंने नोटिस जोधपुरके अफसरोके है जिससे और जातियां दुःखी है, लडकीयां गरीबोको नहि पास भेज दिये है. यदि लडकी व वरका फोटु कोइ भेज दे तो मिलती, धनाढयोकों लडकियां रुपयों में बेचकर विधवाका परिवार मेरा काम बहुतही सरल हो जायगा. दिन दुना रात चौगना बढा रहा है. दुनिया काफी जग उठी
शाह. केशरीमल भंडावत. अजमेर. है. माता पिता यह मान बैठे थे कि लडकी. उनकी एक मात्र
वार्षिक मेला-श्री सल्लीपार्श्वनाथ तीर्थ मुः सल्ली, प्रगणा पुंजी है. चाहे दान दे, दीक्षा दे, बेचे, जातिसे संबंध नहि, जालोरमें प्रतिवर्षके अनुसार मीति पोष कृष्ण १० (हिन्दि, समाजके बंधन कडे व कठीन है. बालिका छोटी उम्मर व शर्मके गुजराती मागशर वदी १०) ता. २२-१२-३२ को भरा जायगा, खातिर अपने खुनी व कसई माता पिता के प्रति कुच्छ बोल जिसमें गुढाबालोतरा निवासी शा. हजारीमलजी सेसमल. कस्तुरजी नहि सकता. इनोने अपनी पुत्रियोंका रोजगार खोल दिया. और हरजोके समनाजी केवदाजीकी तर्फसे भाता दो दिया हजारो रुपये इन लडकियोंके गिनवाने लैंगते, हजारो क्या जायगा, औरभी सज्ज नाकी तर्फले श्रीफल आदिकी प्रभावना १जातिके कारण पोरवाल पोरवालमें परणे तब जातिमें रहे. ओश.. दिया जायगा. पंचकल्याणी पूजा, आंगीरचना आदि धामधूमसे वाल ओशवाल जातिसे परणे तब जातिमें रहे. खुन-हडी-मांस होगा, इस शुभ अवसरपर श्री उमेदपुरजैनबालाथमके माथे-हाथ-लिलाटपर न पोरवालके उपका रहता हैं, न विद्यार्थीगणं आवेग व अपना ड्रामा, लेकचर आदि करेगा. ओशवालही लिखा है, न महत्तर लगा रहता है. यह जातिका प्रार्थना है कि संघ मित्रमंडल सहित अवश्य पधारें. आनेवाले भेद संसारिक कर्मके लिये हुवा वहो गृहस्थधर्मको मटियामेट सज्जनोंको जालोरकी पंचतीर्थको यात्राका अलभ्य लाभ मिलेगा करनेवाला हो गया है. आज पोरवाल अपनी कन्याको दूसरी एरणपुरा स्टेशनसे और जालार (J. R.) स्टशनस जातिमें बेचे तो कभी इतनी उंची रकम नहि मिलेगा. यानी गाडी और उंट आदि बाहन मिलते है.... लडका व लडकीका संबंध जतिसे है. जातिके सरीक होनेसे ही वह विवाह कहा जाता है.
विद्वानाने मुश नम२. यदि पोरवाल भाई इसमें सरीक न हो तो यह विवाह नहि
(न्यायनी ॥ यथ) कहा जायगा, पंच न्यातिके लिये बुलाये जाते है, पंचोके मारफत
જેની લાંબા સમયથી રાહ જોવાઈ રહી હતી અને જે सगाई होती है, पंच पापी व. पाखंडी व चिटोकडे हो गये.
કલકત્તા, મુંબઈ અને બીજી અનેક યુનિવર્સિટીના ગ્રેજ્યુએટના उनका अपने लडडओंसे मतलब रह गया, वर वधुकी आयुसे कोई प्रयोजन नहि है, यदि पिता अपनी पुत्री पर कुछ अन्याय
કાર્સમાં ન્યાય પ્રથમામાં, અને એજયુકેશન બોર્ડ માં દાખલ થયેલા છે, अत्याचार करता है तो राज जम्मेवार रेकरसारित
न्यायना माहितीय अथ “प्रमाणनयत-स्वालोक' (प्रभाशयसिंहजी अगवरी व गुंदलाके भाद्राजन ठाकुरसाहिब देवीसिंहजीको
તત્ત્વાકાલંકાર) કે જેને ન્યાયશાસ્ત્રના ધુરંધર વિદ્વાન વાદિनिवदन ह कि वे इस मामलाकी जांच-पड़ताल करके इस सूरियसनाव. तस२ मनसुहासमधिनीनामनी पोरवाल बालिकाकी रक्षा करे या कुरबानी रोके.
તદન નવી અપ્રસિદ્ધ ટીકા સાથે ચેડા સમયમાં બહાર પડશે. . में अजमेरमें इतना दूर हूं कि मैं जान नहि सकता था अयने न्याय-४०यतीथ, date मुनिशी विमांशुकि यह सब या झटपोरवाल एक-एक वारसारियो वि0/42D मेडीट ४२४ छ भन भनट, पात२. 21नामसे प्रार्थनापत्र जाना चाहिए. ठाकुरसाहिबही ईस कामका भाशा मा मापी प्रस्तावनामा अथ, अथवा२ मनेन बीडा उठाले तो आगे बढनेकी जरूरत नहि रहे. ठाकरसाहिब न्यायना विषयमा सारे प्राश पाउया छे. महावीश रतली सुंदर अच्छे विद्वान् व विचारशील है. उनके ठिकानेमें यह जुल्म नहि
કાગળમાં, ક્રાઉન સેળપેજી સાઈઝમાં લગભગ સવાબસે પૃષ્ઠના होना चाहिए.
६२ अयनी भित मात्र ३.. --1४-० यामाना छे. मारवाड-गोडवाड आदि प्रदेशोंके समाज सेवा मंडल व पोटेक मा. नवयुवकोंको कमर कसके ईस विवाहपर तीरजोरोसें तान देना
. . . भगवानु :चाहिए, और यदि इस विवाहको रोक दिया तो आगेके लिये भेससस.भ.प.श्रीविभरिअथभाका पुसे खुनी व समाजके खातरनाक विवाहाँको कालापानी हो
छोटा शरा जायग'..
(डीयावा3) )
भु. पानातान
(भावा)
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