________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
SHRUTSAGAR
March-2020
१३. मंत्रि कर्मचंद्रवंशावलीप्रबंध रास
आम कर्त्ता द्वारा रचित लगभग ४० जेटली रचनाओ प्राप्त थाय छ। प्रस्तुत कृति अंगे
प्रस्तुत चारे कृतिओ उपाध्याय गुणविनयजी द्वारा रचायेली अप्रगट रचनाओ छ। जेमानी पहेली २ रचना जिनेश्वर परमात्मानी स्तुतिपरक रचना छे ज्यारे छेल्ली २ रचनाओ उपाध्यायजीनी गुरुपरंपराना स्तुति काव्यो छे । हवे आपणे ते कृतिओनो ढूंको परिचय मेळवीए... १. अजित-शांतिजिन स्तवन -
पू. नंदिषेणसूरिजी रचित 'अजित-शांतिजिन स्तव'नी साथे नाम साम्य धरावती आ रचना छ। कति ४ ढाळमां विभक्त छ। जेमां सौप्रथम ढाळ १६ मात्राना (नाम?) छंदमां, बीजी ढाळ भूजंगप्रयात छंदमां, त्रीजी ढाळ प्रायः कोई प्राचीन देशी/संस्कृत गीतना राग बंधारणमां तथा छेल्ली ढाळ वस्तु छंदमां रचाई छ । कविनी अन्य कृतिओनी जेम प्रस्तुत रचना पण संस्कृतभाषानी प्रांजल रचना छे तेमांय मारूगुर्जर साहित्यना रागोने (अहीं ढा.३/४ना) संस्कृत भाषामां प्रयोजवा तेवू ते-ते भाषा परना प्रभुत्व वगर न ज संभवी शके । खास तो ते ढाळोमां प्रभुनी गुणस्तवना ज गुंथेली विशेषे जोई शकाय छे। २. विमलनाथ स्तवन -
प्रस्तुत कृति विशालानगरीना प्रभु विमलनाथने उद्देशीने रचायेल लघु स्तवना छ। काव्यना प्रथम २ पद्योमां आ स्तवना करवानुं प्रयोजन जणावी कविए त्यारपछीनी ३ ढाळमां अनुक्रमे प्रभुना जीवन चरित्रनी, अधिष्ठायक देव-देवीना परिवार तथा 'विमल' नामाभिधान थयाना कारणनी, तेमज वीतरागी प्रभुना दर्शनथी थता सुखनी वर्णना करी छे। अहीं काव्यगत विशेष ऐतिहासिक बाबत स्तवनानी बीजा ढाळना प्रथम पद्यमांनो “विमल विहार" शब्द छे। कविनी काव्य रचना समये विमलनाथ प्रभनं ते चैत्य “विमल विहार" ना नामे प्रसिद्ध हशे तेवं आ पाठ परथी प्रतीत थाय छे खास तो वर्तमान समयना संदर्भमां ते स्थापत्यनी परिस्थिति पण संशोधननो विषय छ । ३. विजयसिंहसूरिना २ गीतो___आ बन्ने गीतो आ. श्रीजिनचंद्रसूरिजीनी पाटे बिराजमान विजयसिंहसूरिजीने उद्देशीने रचाया छे । जेमां प्रथम गीत गुरु भगवंत पधरामणी करता हरखघेली थती
For Private and Personal Use Only