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मार्च-२०२०
श्रुतसागर यह पुण्यशाली परिवार है। शुभ निमित्त व भाईलालभाई झवेरी की मंगल भावना से मेरा यहाँ आना हुआ। शासन के कार्य में परिवार का सुन्दर योगदान मिलता रहा है। ये अनेक संस्थाओं से जुड़े हुए व्यक्ति हैं।
भाईलालभाई के ८८वें जन्मदिन पर आयोजित प्रभुभक्ति के इस विशिष्ट प्रसंग पर राष्ट्रसन्त पूज्यश्री ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि जीवन के अन्तिम सांस तक शासन की सेवा करते रहें। यही मेरा हृदय से आशीर्वाद है। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालु व परिवार के रक्षाबेन राजनभाई झवेरी आदि ने अखण्ड अक्षत से पूज्यश्री को बधाया।
(अनुसंधान पृष्ठ-२९ से)
प्रस्तुत पुस्तक का आवरणपृष्ठ विषय के अनुसार ही आकर्षक बनाया गया है। इसका आकार भी बहुत बड़ा नहीं है। पूज्य वज्रसेनविजयजी म.सा. के सत्प्रयासों से ग्रन्थप्रकाशन की यह प्रवृत्ति हो रही है। हम पूज्यश्री से यह प्रार्थना करते हैं कि ऐसे ग्रन्थों का सम्पादन निरन्तर होता रहे। जिससे ऐसे ग्रन्थ विद्वानों और मुमुक्षु जनों हेतु अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
परम पूज्य आचार्य भगवन्त को कोटिशः वन्दना।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र की निकटवर्ती संस्था श्रीमद् राजचंद्र आध्यात्मिक साधना केन्द्र के संस्थापक, साधक पुरुष श्री आत्मानंदजी ८८ वर्ष के दीर्घ वय में दि. १९/१/२०२० रविवार के दिन प्रातःकाल ११ बजकर ५ मिनट पर अपने नश्वरदेह को त्यागकर स्वर्गस्थ हुए। उनके अंतिम दिनों में राष्ट्रसंत पूज्य आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा उनकी सुखरूप समाधि के लिए आश्रम में मंगलवचन हेतु पधारे थे। आचार्यश्री का इनके साथ काफी पुराना एवं घनिष्ठ संबंध रहा है। ऐसे महापुरुष की सद्गत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.
श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र परिवार
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