SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR 31 February-2020 पुस्तक समीक्षा रामप्रकाश झा पुस्तक नाम : आवश्यकनियुक्ति श्रीतिलकाचार्य लघुवृत्ति टीकाकार : तिलकाचार्य संशोधक : पुण्यकीर्तिविजयजी गणि संपादक : पुण्यकीर्तिविजयजी गणि प्रकाशक : सन्मार्ग प्रकाशन, अहमदाबाद प्रकाशन वर्ष : वि.सं. २०६३ मूल्य : १५०/पृष्ठ : भाग-१=१२+५०७, भाग-२=१८+२०५-११०० भाषा : प्राकृत+संस्कृत विषय : षडावश्यक निरूपण. आवश्यकसूत्र की नियुक्ति के ऊपर अद्यावधि अनेक टीकाओं की रचना हुई है, जैसे- माणिक्यशेखरसूरि की दीपिका टीका, हरिभद्रसूरि की शिष्यहिता टीका, धीरसुंदर गणि की अवचूर्णि, ज्ञानसागरसूरि की अवचूर्णि तथा जिनदास महत्तर की चूर्णि आदि। परन्तु श्री तिलकाचार्य की इस लघुवृत्ति में यत्र-तत्र सुन्दर लालित्यपूर्ण दृष्टान्तकथाओं का संयोग होने से विषयवस्तु को आत्मसात् करने में अत्यन्त सरलता रहती है। इस दृष्टि से यह वृत्ति विद्वानों हेतु अत्यन्त उपयोगी व ग्राह्य है । आवश्यकसूत्र तथा उसके ऊपर भद्रबाहुस्वामी के द्वारा प्राकृत भाषा में रचित नियुक्ति तथा अज्ञातकर्तृक भाष्य के ऊपर संयुक्त रूप से इस लघुवृत्ति की रचना की गई है। श्रमण भगवान महावीरस्वामी ने तीर्थ की स्थापना की। ‘उपन्नेइ वा विगमेइ वा धुवेइ वा' इन तीन पदों के आधार पर गणधरों द्वारा द्वादशांगी की रचना की गई और स्याद्वाद की स्थापना हुई। यह स्याद्वाद मत पाँचवें आरे के अन्त तक चले, इस हेतु से गण की अनुज्ञा पंचम गणधर श्री सुधर्मास्वामी को दी । For Private and Personal Use Only
SR No.525355
Book TitleShrutsagar 2020 02 Volume 06 Issue 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2020
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy