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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 25 SHRUTSAGAR January-2020 स्तुति-स्तोत्रादि-साहित्यमा क्रमिक परिवर्तन पुण्यविजयजी म.सा. परिवर्तनशील संसारमा एवी एक पण वस्तु नथी के जे दरेके-दरेक बाबतमां देश-काळ आदिना परिवर्तन साथे नवो अवतार धारण न करे। आ अटल नियमथी आपणुं स्तुति-स्तोत्रादि विषयक साहित्य पण वंचित नथी रही शक्यु, अर्थात जगतनी अनन्य विभूतिनुं पोतामां दर्शन करनार अने ते ज वस्तुनो बीजाने साक्षात्कार करावनार तीर्थंकर देव आदि जेवी महाविभूतिओने लगतुं स्तुति-स्तोत्रादि साहित्य उपर्युक्त शाश्वत नियमथी अस्पृष्ट नथी रही शक्युं, ए आपणे आपणा समक्ष विद्यमान विविध अने विपुल स्तुति-स्तोत्रादि-विषयक साहित्य- दिग्दर्शन करतां सहेजे जोई शकीए छीए। एक समय एवो हतो के ज्यारे, अत्यारे आपणी नजर सामे देवोपासनाने लगतुं जे चित्र विचित्र स्तुति-स्तोत्र-स्तवनादि-विषयक साहित्य विद्यमान छे ते लेश पण न हतुं; तेम छतां एक बीजा दर्शन, एक बीजा संप्रदाय अने एक बीजी प्रजा साथेना सहवासने कारणे जनसमाजनी अभिरुचिने ते ते तरफ ढळेली जोई धर्मधुरंधर जैनाचार्योए ए प्रकारना साहित्यना निर्माण तरफ पोतानी नजर दोडावी अने क्रमे-क्रमे ए जातना साहित्यनो सागर रेलावा लाग्या । स्तुति-स्तोत्रादि साहित्य- सर्जन अने तेमां क्रमिक परिवर्तन आजे आपणा समक्ष विद्यमान संगीतालापथी भरपूर स्तुति-स्तोत्र-स्तवनादिने लगता साहित्य राशिने जोई आपणने जरूर ए आशंका थशे के जे जमानामां आजना जेवू स्तुति-स्तोत्रादि साहित्य नहि होय ते जमानानी जनता आत्मदर्शन करनारकरावनार महाविभूतिओनी प्रार्थना कई रीते करती हशे? परंतु ते युगनी जनताना जीवन अने मानसनो विचार करतां एनो उत्तर सहेजे ज मळी रहे छे के ते युगनी स्तुति-उपासना-भक्ति ए मात्र अत्यारनी जेम काव्यमां-कवितामां के जिह्वामांवाणीमां उतारवारूप न हती; किन्तु ते स्तुति ए महापुरुषना चरितने अने तेमना पवित्र उपदेशने जीवनमां उतारवारूप हती। एटले ते जमानामां अत्यारनी जेम ढगलाबंध के चित्रविचित्र स्तुति-स्तोत्रादि साहित्यनी प्रजाने आवश्यकता नहोती जणाती। ए ज कारण हतुं के ते युगनी जनता माटे आचारांगसूत्र आदिमां आवती उपधानश्रुताध्ययन, वीरस्तुत्यध्ययन आदि जेवी विरल छतां विशद स्तुतिओ बस थती For Private and Personal Use Only
SR No.525354
Book TitleShrutsagar 2020 01 Volume 06 Issue 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2020
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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