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श्रुतसागर
अगस्त-२०१९ पच्चक्खाण दिया। शिबिर में उद्योगपति श्री वसन्तभाई अदाणी सहित उत्तर गुजरात, महेसाणा-गांधीनगर-अहमदावाद-साणंद तथा बोपल से भी श्रद्धालुगण पधारे थे।
विशेष जानकारी देते हुए शान्तिग्राम के कार्यकर्ता श्री हेमलभाई शाह ने बताया कि जैन कल्चर ग्रुप अहमदाबाद के द्वारा रविवार सन्ध्या ४.३० से ५.३० बजे राष्ट्रसन्त आचार्यश्री का विशिष्ट प्रवचन, उसके बाद जिनालय में सन्ध्या भक्ति तथा महाआरती का भी आयोजन किया गया था, जिसमें राकेशभाई आर. शाह सहित बड़ी संख्या में ग्रुप के सदस्यों ने परिवार सहित पधारकर लाभ लिया था। विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों की बैठक में पूज्य राष्ट्रसंतश्री के उद्गार
पहले मन्दिर तोड़े जाते थे, आज वैचारिक आक्रमण हो रहे हैं राष्ट्रसन्त जैनाचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज ने दि. १-८-१९ गुरुवार को आदिनाथ तपागच्छ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक शांतिग्राम जैन संघ, अदाणी शांतिग्राम टाउनशिप में विश्वहिन्दु परिषद के प्रतिनिधि तथा मंडल पदाधिकारियों के साथ हुई चर्चा के दौरान कहा कि “हजारों वर्ष पहले भारत में आक्रमण होते थे, हमारे मन्दिर तोड़े जाते थे, मन्दिर टूटते रहे और हम बनवाते रहे, परन्तु वर्तमान समय में मन्दिर तो सुरक्षित हैं, परन्तु हमारी भावनाओं को तोड़ने का वैचारिक आक्रमण हो रहा है। ऐसे समय में हमें संगठित होकर एकता बनाए रखनी है।” इस प्रसंग पर आचार्य श्री अजयसागरसूरीश्वरजी म. सा., गणिवर्य श्री प्रशान्तसागरजी म. सा. तथा अन्य साधु भगवन्त भी विराजमान थे।
उल्लेखनीय है कि विश्वहिन्दु परिषद के केन्द्रीय महामन्त्री श्री मिलिंदजी परांदे, गुजरात प्रदेश महामन्त्री श्री अशोकभाई रावल तथा विश्वहिन्दु परिषद के श्री केतनभाई शाह आदि अग्रगण्य कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रसन्त आचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा से आशीर्वाद एवं समग्र हिन्दू समाज के व्यापक हितो के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करने आए थे। शेठ आणंदजी कल्याणजी पेढी के प्रमुख श्री संवेगभाई लालभाई, ट्रस्टी श्री श्रीपालभाई शाह, जैन श्रेष्ठी वसन्तभाई अदाणी सहित अनेक महानुभावों ने परम पूज्य राष्ट्रसन्त से आशीर्वाद प्राप्त किया था। ___ इस प्रसंग पर विश्वहिन्दु परिषद के केन्द्रीय महामन्त्री श्री मिलिंदजी परांदे ने बताया कि वर्तमान में हिन्दु समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यह प्रयास सफल न हो, इसके लिए यह आवश्यक है कि समग्र हिन्दु समाज संगठित बने।
(अनुसंधान पृष्ठ क्रमांक. ३१ पर)
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