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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 25 August-2019 SHRUTSAGAR गुजराती माटे देवनागरी लिपि के हिन्दी माटे गुजराती लिपि? हिन्दवी (गतांकथी आगळ..) गुजराती अने देवनागरी लिपि आपणा विचार विषय, ते बे वच्चे सरखामणी सारु सामान्य कसोटी मळे एवा हेतुथी ज आ लीजी वात अहीं आणी छे । देवनागरी लिपिमां अक्षरे अक्षरे माथु बांधवानु ते चालती लेखणे थई ज शके नहीं। जूनी पोथीओ जोतां स्पष्ट जणाय छे के घणा लहिया माथां दोरवानो अंश बाकी राखता अने पानु लखाई रह्या पछी के थोडी थोडी लीटीए साथे लागो करी नाखता आम देवनागरी लिपि धीमे धीमे ज लखी शकाय । लगभग बेवडो वखत लई ले छे । ए लिपिनी थोडी आकृतिओ पण एवी अने एवी झीणवटे समालवानी विगतो वाळी छे के तेय वखत खाय छे अने लेखकने व्हेलो थकवे छ। लिपिनो बीजो गुण तेनी सुंदरता। अद्यतन गुजरातीओए पोते भणता'ता त्यारे पोतानी मातृभाषा पोते केवे अक्षरे लखे छे ते बाबतमां मन दीर्छ ज नहीं, अने आखी ओधना अक्षर कथळी गया छे । एटले आ जमानाना गुजरातीओने पोतानी लिपिनी सुंदरता विषे पूछवानुं नकामु छ । पण आगला अक्षरो जुवो। पेला जयंतीगंडु अने हवे वनप्रविष्ट रा. रा चंद्रशंकर पंड्या जेवाना 'छापेला' अक्षरने हुं वखाणनारो नथी। एवा अक्षरमां समरेखता-रूपसुंदरता हशे; स्वच्छता छ ज पण ए स्वच्छता अने समरेखता सजीवनताने भोगे साधेली छे। ए पहेलांना नमूना जुवो, स्वच्छता एटली ज अने साथे वैयक्तिक मरोड । दरेक पाका लहियाना अक्षर भिन्न, तथापि बधाय पोतपोतानी सजीवन छटाए सुंदर। आपणा हवे तो लगभग अदृश्य थई गयेला क्षत्रिय कायस्थो दरेक पोतपोतानी पाघडी माथे बांधता ते काळनी ए दरेके दरेक पाघडी जेम सुंदर, अने खींटीए होय तो पण कही शकातुं जे आ पाघडी तो फलाणां राजेश्रीनी, ते प्रमाणे (अथवा लिपि तो नारीजातिनो शब्द, एटले एने माटे मरदनी पाघडीनी उपमा विचित्र गणो तो बीजी उपमा आपीश) अथवा हिन्दवाणीओनी पोतपोतानां वस्त्र पहेरवानी छटामां जेम गुजरातणनी साडी सारा हिन्दमां तेम बहार पण सुंदरता अने औचित्ये उत्तमोत्तम गणाय छे, तेम गुजराती भाषानी लिपि पण हिन्दनी भाषाओनी लिपिओमां सर्वोत्तम छ । ए साडीनी छटा दरेक सुघड गुजरातणना व्यक्तित्व- पण भूषण बने छे For Private and Personal Use Only
SR No.525349
Book TitleShrutsagar 2019 08 Volume 06 Issue 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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