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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 34 श्रुतसागर जुलाई-२०१९ प्रशान्तसागरजी म. सा. तथा श्रीमद् राजचन्द्र आध्यात्ममिक साधना केन्द्र से पधारे हुए डॉ. मुकुंद सोनेजी (श्री आत्मानंदजी), श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा के ट्रस्टी श्री श्रीपालभाई आर. शाह तथा ज्ञानमंदिर के समस्त कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में दि. ७-७-१९ को श्रुतसंरक्षक परमपूज्य आचार्य श्री अजयसागरसूरीश्वरजी म. सा. के द्वारा एक मात्र आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में चल रही विविध प्रवृत्तियों, परियोजनाओं तथा आज तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। ज्ञानमन्दिर की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ, जो इसे विश्व के सभी ग्रन्थालयों में अद्वितीय व अतुलनीय बनाती हैं, जैसे विश्व के अन्य सभी ग्रन्थालयों में प्रचलित सूचीकरण प्रणाली से हटकर की जानेवाली गहन संशोधन आधारित सूचीकरण पद्धति तथा इसके अन्तर्गत कृति पुत्र-पौत्रादि परिवार व विद्वान गुरु-शिष्य परम्परा आदि की विभावना के कारण वाचकों को बहुत ही अल्प समय में उनकी अपेक्षित सूचनाएँ उपलब्ध कराई जाती है, जिससे वे अपने बचे हुए समय का सदुपयोग अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए करते हैं। ज्ञानमन्दिर की अनेक उपलब्धियों व सिद्धियों तथा ज्ञानमन्दिर के कार्यों एवं सेवाओं की वजह से जिनशासन गगन में श्रुत संशोधन-संपादन के क्षेत्र में समस्त श्रीसंघ एवं समाज में आ रहे बड़े एवं क्रान्तिकारी परिवर्तनों के विषय में भी पूज्य राष्ट्रसन्तश्रीजी को अवगत कराया गया। सम्पादन-संशोधन आदि क्षेत्रों से जुड़े हुए परम पूज्य साधु-साध्वीजी भगवन्तों तथा देशी-विदेशी विद्वानों के द्वारा माँगी गई अपेक्षित सूचनाएँ किस प्रकार अल्प समय में और सटीक रूप से उपलब्ध कराई जाती है, इस भगीरथ कार्य में आधुनिक तकनीक किस प्रकार उपयोगी सिद्ध होते हैं तथा ज्ञानमन्दिर के पण्डितगण और उनके सहयोगी कार्यकर्ता कितने धैर्य और सूझबूझ के साथ विविध ग्रन्थों में से सूक्ष्म सूचनाओं का संग्रह कर उन्हें किस प्रकार विद्वद्भोग्य बनाते हैं, इस सम्बन्ध में पूज्य आचार्यश्रीजी ने उपस्थित सभी को विस्तारपूर्वक बताया। साथ ही यहाँ कार्यरत विद्वान पंडितों की विशिष्ट प्रतिभाओं का परिचय प्रस्तुत करते हए पूज्य आचार्यश्री ने ज्ञानमन्दिर की विविध परियोजनाओं में प्राप्त होनेवाले उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के विषय में भी प्रकाश डाला। परमपूज्य राष्ट्रसन्त श्री ने ज्ञानमंदिर की इस उपलब्धि में सभी कार्यकर्ताओं के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें अंतःकरण से आशीर्वाद प्रदान किया तथा उनके मंगलमय भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। For Private and Personal Use Only
SR No.525348
Book TitleShrutsagar 2019 07 Volume 06 Issue 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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