SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर मई-२०१९ 34 समाचारसार पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा के द्वारा नगीणा नगरी नागौर में श्री सुमतिनाथ भगवान का भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव सोल्लास सम्पन्न प. पू. राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा के पवित्र आशीर्वाद व पावन निश्रा में ऐतिहासिक नगीणा नगरी नागौर जहाँ पर सैकड़ों की संख्या में विविध गच्छीय महात्माओं का विचरण रहा, कई (१०० से अधिक) कृतियों की रचनाओं की साक्षी, कई (३०० से अधिक) हस्तप्रतों का जो लेखन स्थल रहा, ऐतिहासिक महापुरुषों के पदार्पण व घटनाओं की साक्षी इस पावन धरा पर पीछले १४४ वर्षों से स्थित प्राचीन श्री सुमतिनाथ जिनालय एवं श्रीजिनदत्तसूरि दादावाड़ी का आमूल-चूल जीर्णोद्धार करवाकर नयनरम्य कलात्मक निर्माण के पश्चात् श्री सुमतिनाथ भगवान आदि जिनबिंबों एवं श्री जिनदत्तसूरि आदि गुरु पादुकाओं का दि. ०८-०५-२०१९, (वैशाख सुद ४) से दि. १२-०५-२०१९ (वैशाख सुद ८) तक उल्लास पूर्वक भव्यातिभव्य पंचाह्निका प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया गया. मंदिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि यति परंपरा के यति श्री रूपचंदजी गुरांसा जो जैन तत्त्वज्ञानी व मशहूर नाडी वैद्य थे, उनकी कीर्ति फैलते-फैलते राजदरबार तक पहुँची. अकस्मात राजा की रानी बिमार हुई. तब यतिजी को बुलाया गया. राजपूती परंपरानुसार राजघराने की रानीयाँ अन्य मर्दाना के आगे नहीं आती थी. तब यतिजी ने उनकी कलाई पर एक डोरी बांधकर दूसरे सिरे को अपने हाथ में लेकर उनका उपचार किया था. इससे प्रसन्न होकर उस समय के राजा ने यतिजी को आराधना-साधना व जड़ीबुट्टीयों उगाने हेतु जगह भेंट दी थी. उस जगह को यतिजी ने साधना द्वारा जागृत किया व उसमें जिनालय व दादावाडी का निर्माण करवाया. जीवन के अंत में यतिजी ने यह परिसर नागौर के खजांची परिवार को दे दिया. उन्होंने श्री मंदिरमार्गी ट्रस्ट नागौर को सुपुर्द किया. तब से यह ट्रस्ट इस धरोहर को अच्छी तरह से संभालते हुए और भी भूमि खरीद कर इसका विकास किया. जिर्णोद्धार की आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रसंत प. पू. आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा के पावन सान्निध्य में इसका जीर्णोद्धार करवाकर बड़े ही धूमधाम से प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया. (अनुसंधान पेज नं. ३० उपर) For Private and Personal Use Only
SR No.525346
Book TitleShrutsagar 2019 05 Volume 05 Issue 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages68
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy