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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR 31 May-2019 पुस्तक समीक्षा डॉ. हेमन्त कुमार पुस्तक नाम - गूढार्थतत्त्वालोक कृतियाँ - तत्त्वचिंतामणि, दीधीति टीका, जागदीशी टीका, गूढार्थतत्त्वालोक टीका, यशोलता टीका एवं विनम्रा टीका. कर्ता - मुनि श्री भक्तियशविजयजी प्रकाशक - दिव्य दर्शन ट्रस्ट, अहमदाबाद प्रकाशन वर्ष - ईस्वी सन्- २०१८, आवृत्ति- प्रथम कुल भाग - १४ कुल पृष्ठ- लगभग-४५०० मूल्य - १०,०००/- संपूर्ण सेट की कीमत भाषा - संस्कृत एवं गुजराती भारतीय दर्शनों में नव्यन्याय का अपना एक विशिष्ट स्थान है। नव्यन्याय के आद्यपुरुष के रूप में श्री गंगेशोपाध्याय का नाम समादृत है। श्री गंगेशोपाध्याय बिहार राज्य के मधुबनी जिला के निवासी थे। उनका समय ईस्वी सन् की १३वीं शताब्दी निर्धारित है। उनके द्वारा रचित तत्त्वचिंतामणि नव्यन्याय के आद्य ग्रंथ के रूप में स्थापित है। न्याय एवं मीमांसा दर्शन के प्रतिस्पर्धा काल में नव्यन्याय का उद्गम हुआ। न्याय एवं मीमांसा दर्शन के प्रकांड विद्वान श्री प्रभाकर मिश्र के शिष्य थे। इनके द्वारा रचित ग्रंथ इतना गूढ़ था कि इसे समझने के लिए अनेक विद्वानों ने टीकाओं की रचना की है। जिसमें श्री रघुनाथ शिरोमणि भट्टाचार्य, श्री मथुरानाथ तर्कवागीश, श्री जगदीश तर्कालंकार, श्री हरिमोहन झा आदि मूर्धन्य विद्वानों ने टीकाएँ लिखी हैं। तत्त्वचिंतामणि पर रघुनाथ शिरोमणि की टीका इतनी परिष्कृत रूप में है कि उसके अनेक प्रकरण स्वतंत्र ग्रंथ के रूप में विख्यात हो गए और उन प्रकरणों पर भी कई विद्वानों ने अलग-अलग टीकाओं की रचना की है। इसी शृंखला में दीधीति टीका पर जगदीश तर्कालंकार द्वारा लिखित जागदीशी टीका के व्याप्तिपंचक पर सर्वतंत्र स्वतंत्र श्री धर्मदत्त झाजी ने गूढार्थतत्त्वालोक नामक वृत्ति की रचना की है. श्री धर्मदत्त झाजी बिहार के मधुबनी जिला के निवासी थे। इनका अपरनाम श्री बच्चा झा है। इनका समय ईस्वी सन् की १९वीं उत्तरार्ध से २०वीं पूर्वार्द्ध है। इनके द्वारा रचित टीका ग्रंथ यथानाम तथागुण वाला है। यह कृति दुनिया के कठिनतम ग्रंथों For Private and Personal Use Only
SR No.525346
Book TitleShrutsagar 2019 05 Volume 05 Issue 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages68
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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