________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्रुतसागर
दिसम्बर-२०१८
अनुक्रम 1. संपादकीय
रामप्रकाश झा 2. आध्यात्मिक पदो
आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी 6 3. Awakening
Acharya Padmasagarsuri 8 4. पंचंगुलिमहामंत्रमयं स्तोत्रम् गणिवर्य श्री सुयशचन्द्रविजयजी 10 5. मौनएकादशी १५० जिनकल्याणक स्तवन
श्री गजेन्द्र शाह 6. सोळमा शतकनी गुजराती भाषा मधुसूदन चिमनलाल मोदी 7. पुस्तक समीक्षा 8. समाचार सार
मा
जेहने वसि जिभ्यादे बाई, तेहने वस सहु कोई। राय-रांणा सुर दानव मानव, ते उत्तम फल होई॥
प्रत क्र. ४४०२० भावार्थः- जिसके वश में जिह्वाबाई होती है अर्थात् जिसकी वाणी में मिठास होती है, राजा, देवता, दानव, मानव सभी उसके वश में हो जाते हैं और (मधुर वाणी के कारण) वह उत्तम फल को प्राप्त करता है।
* प्राप्तिस्थान आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में
डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनीक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५
For Private and Personal Use Only