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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR 33 November-2018 पुस्तक समीक्षा डॉ. हेमन्तकुमार पुस्तक नाम : ध्यान : आंतर यात्रा (अन्य नाम- जैन ध्यान प्रक्रिया) कर्ता - : आचार्य श्री यशोविजयसूरीश्वरजी महाराज प्रकाशक : आचार्य श्री ॐकारसूरि आराधना भवन, गोपीपुरा, सुरत प्रकाशन वर्ष : वि. सं. २०७२, आवृत्ति- प्रथम कुल पृष्ठ : ८+८८=९६, मूल्य- ३००/-, भाषा- गुजराती परम पावन महातीर्थ पालीताणा में पारणाभवन में वि. सं. २०७२ में आयोजित तपागच्छीय श्रमण सम्मेलन में प्रस्ताव संख्या- ४२ में जैन ध्यान प्रक्रिया से संबंधित एक साहित्य तैयार करने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसके आलोक में परम पूज्य आचार्य श्री यशोविजयसूरीश्वरजी महाराज ने ध्यानशतक, ध्यानविचार आदि विभिन्न ग्रंथों से मोतियों को चुनकर गुजराती भाषा में “ध्यान : आंतर यात्रा” नामक ग्रंथ जैन ध्यान प्रक्रिया से संबंधित एक विस्तृत विवेचन लिखकर जैन ध्यान-योग गगन में एक देदीप्यमान नक्षत्र को स्थापित कर दिया है। पूज्यश्री ने प्रस्तुत ग्रंथ के माध्यम से ध्यान-योग के क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्वज्जनों के साथ-साथ सामान्य जनों को भी संतोष प्रदान करने का भरपूर प्रयास किया है। १३ अध्यायों में विभक्त प्रस्तुत कृति में ध्यान के विभिन्न प्रकारों एवं उनकी प्रक्रियायों को बहुत ही सुंदर एवं सरल पद्धत्ति से विवेचन किया है। ध्यान जैसे गूढ़ विषय के तत्त्वों (मोतियों) को विभिन्न शास्त्रों के महासागर से ढूँढ़कर एक माला में गूंथना अपने आप में एक बहुत ही श्रम, समय एवं धैर्य का कार्य है, फिर भी आचार्यश्रीजी ने इस कार्य को बहुत ही रोचक एवं सरलता से समझ में आ जाए वैसा तैयार किया है। ध्यान, यह एक अनुभव की बात है। मात्र विद्वत्ता के सहारे ऐसा ग्रन्थ लिखा नहीं जा सकता। पूज्यश्री की अनुभव यात्रा का परिपाक है यह ग्रन्थ । पूज्यश्रीजी ने ग्रंथ का नामकरण ही "ध्यान : आंतर यात्रा” किया है, जिससे ध्यान क्या है यह स्पष्ट हो जाता है। फिर भी आचार्यश्रीजी ने ध्यान की विशिष्टता को समझाते हुए लिखा है कि ध्यान समताभाव के साथ करने की प्रक्रिया है, अन्यथा वह तो आत्मप्रताड़ना कहलाएगी। अनेक मनीषियों एवं महापुरुषों ने ध्यान के संबंध में ग्रंथों की रचना की है। उनके द्वारा ध्यान के संबंध में वर्णित विषयों एवं प्रसंगों को For Private and Personal Use Only
SR No.525340
Book TitleShrutsagar 2018 11 Volume 05 Issue 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2018
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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