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श्रुतसागर
अक्टुबर-२०१८
अनुक्रम
रामप्रकाश झा
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1. संपादकीय 2. आध्यात्मिक पदो 3. Awakening 4. कामलक्ष्मी चरित्र 5. श्री जिन ३५ वचनातिशय स्तवन । 6. सोळमा शतकनी गुजराती भाषा 7. समाचार सार
आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी Acharya Padmasagarsuri गणिवर्य श्री सुयशचन्द्रविजयजी सुकुमार शिवाजीराव जगताप मधुसूदन चिमनलाल मोदी
आया आदर ना दीयै जाता नहीं जीकार। मिलिया मलक न बोलणो अधमघरा आचार ॥
हस्तप्रत नं.१२००९० भावार्थ – जिस घर में आनेवाले (अतिथि) को आदर नहीं दिया जाता हो, जानेवाले को जीकार (पुनः पधारना) जैसे शब्द नहीं बोले जाते हों तथा मिलने पर परस्पर मुस्कुराकर बातें नहीं किया जाता हो, ऐसा अधम घरों का || आचार है।
प्राप्तिस्थान आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में
डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनीक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५
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